मनोज कुमार झा। पहले समाचार-पत्रों में उप सम्पादक बन जाना बहुत बड़ी बात होती थी। उप सम्पादक को अख़बार का 'बैक बोन' माना जाता था। चीफ़ सब एडिटर के ग़ज़ब के जलवे होते थे। समाचार सम्पादक होना तो बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी और उसके अधिकार भी बहुत होते थे। फिर डिप्टी एडिटर और असिस्टेंट एडि…
Blog posts January 2021
घटिया मनोरंजन का साधन बन रहा मीडिया
आईआईएमसी में स्वच्छता पखवाड़ा
पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन
नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में बुधवार को स्वच्छता पखवाड़े के तहत विशेष पौधरोपण अभियान का आयोजन किया गया। इस दौरान संस्थान की अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) श्रीमती ममता वर्मा, श्रीमती नवनीत कौर,…
प्रियजनों की सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया का उपयोग क्यों नहीं करते?: टीम सेफ
नई दिल्ली/ हम अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया का उपयोग क्यों नहीं करते? यह सवाल भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव -आईएफएफआई के 51वें संस्करण में भारतीय पैनोरमा फीचर फिल्म में सेफ (SAFE) के निर्माताओं- डेब्यू डायरेक्टर प्रदीप कलिपुरयाथ और प्रोड्यूसर डॉ के. शाजी द्वारा द…
संजय कुमार एन यू जे के नालंदा जिला का संयोजक नियुक्त
बिहारशरीफ। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष राकेश प्रवीर ने नालंदा जिला इकाई के लिए वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार को संयोजक नियुक्त किया गया है।…
मीडिया की शुचिता बरकरार रहनी चाहिये: चौधरी अजीत सिंह
डॉ. मुकुल श्रीवास्तव और डॉ. ऋतेश चौधरी की पुस्तक ‘‘साये में मीडिया’’ का मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने किया विमोचन
देहरादून।…
वरिष्ठ पत्रकार उषा श्रीवास्तव नहीं रहीं
पायोनियर हिन्दी की संपादक थी उषा
नई दिल्ली/ वरिष्ठ पत्रकार और पायोनियर हिन्दी की संपादक उषा श्रीवास्तव नहीं रहीं। दिवंगत उषा जी को श्रद्धांजलि देते हुए वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है कि उनके निकटस्थ पत्रक…
आकाशवाणी का कोई भी केन्द्र बंद नहीं हो रहा
प्रसार भारती ने स्पष्ट किया कि किसी भी राज्य में, कहीं भी आकाशवाणी का कोई भी केन्द्र बंद नहीं किया जा रहा
नई दिल्ली/ …
स्वामी अछूतानंद की पुनर्व्याख्या की जरूरत है : महेंद्र प्रताप राना
कैलाश दहिया / 'आजकल व्यक्ति विशेष को दलितों का मुक्तिदाता घोषित किया जा रहा है। कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि उन से ही दलितों का इतिहास शुरू होता है। यह तथ्यहीन, गलत और खतरनाक बात है। यह दलित इतिहास के साथ धोखा है।' इस उद्बोधन के साथ अपने वक्तव्य की शुरुआत करने वाले डॉ. महें…
वरिष्ठ पत्रकार तुरलापति कुटुम्बा राव का निधन
उपराष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, पत्रकार संगठनों ने जताया शोक
विजयवाडा/ वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और पद्मश्री तुरलापति कुटुम्बा राव का यहां रविवार देर रात एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 89 …
पत्रकारिता की मातृभूमि, बस्तर में तबदील होती जाती दिल्ली और पिंजरे में बंद लोकतंत्र की शुक-सारिकाएं
त्रिभुवन / पत्रकारिता दरअसल पत्रकारों के लिए पेशा या प्रफेशन भर नहीं है। वह उनकी/ हमारी मातृभूमि है। पत्रकारिता के शिक्षा केंद्रों और शिक्षकों की कोई उपयोगिता या ज़रूरत नहीं है, अगर वे एक बेहतरीन लोकतांत्रिक समाज को मज़बूत बनाने वाली पत्रकारिता के लिए नए लोगों को तैयार नहीं करें।…
डीडी-आकाशवाणी के डिजिटल चैनलों के खूब बढ़े दर्शक-श्रोता
श्रोताओं की संख्या के लिहाज से प्रसार भारती के इन डिजिटल चैनलों के ऑडियंस में पाकिस्तान दूसरे स्थान पर
नई दिल्ली/ …
पत्रिका 'विमर्श' का विमोचन
कालेज आफ कामर्स आर्ट्स एंड साइन्स में कोविड प्रोटोकोल के अनुसार कक्षाओं को संचालित करने की तैयारी, बैठक में पत्रिका का भी विमोचन…