क्योंकि यहाँ पार्टियां नीति से नहीं, व्यक्ति से चलती हैं!
बीरेन्द्र कुमार यादव। फेसबुक विचार अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बन गया है। बिहार में मैंने वैकल्पिक मीडिया के रूप में फेसबुक को माध्यम बनाया और आह्वान के नाम से राजनीतिक खबरों की मजबूत व विश्वसनीय साख बनायी। खबरों का हर पोस्ट 50 हजार से अधिक लोगों तक पहुंचता है। इसका रिस्पॉस भी बेहतर होता है। लेकिन बिहार की किसी राजनीतिक पार्टी का अधिकृत फेसबुक पेज या एकाउंट नहीं है। जबकि प्रमुख नेताओं के व्यक्तिगत पेज व एकाउंट हैं।
लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल के लिए चर्चित भाजपा की बिहार ईकाई का कोई अपना अधिकृत फेसबुक पेज या एकाउंट नहीं है, जहां आपको भाजपा से जुड़ी खबरें मिल सकें। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं नंदकिशोर यादव, सुशील कुमार मोदी, मंगल पांडेय समेत कई बड़े नेताओं के अधिकृत पेज व एकाउंट हैं। इन पेजों पर भाजपा कहीं नजर नहीं आती है, सिर्फ नेताओं की व्यक्तिगत गतिविधि ही रहती है।
राजद नेताओं में सबसे ज्यादा अपडेट व एक्टिव सांसद पप्पू यादव ही हैं। उनका पेज व एकाउंट एकदम अपडेट रहता है। हर दिन गतिविधियों की सूचना भी होती है, लेकिन पार्टी का चेहरा नजर नहीं आता है। राजद प्रमुख लालू यादव का भी पेज है, लेकिन न के बराबर ही है। जदयू के नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह अपडेट रहते हैं, लेकिन व्यक्ति और उनकी गतिविधि ही हावी रहती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी अपडेट रहते हैं, लेकिन पार्टी की बिहार ईकाई का कोई अधिकृत पेज नहीं है।
हमारा कहने का ताप्तर्य है कि फेसबुक पर राजनेताओं का व्यक्तित्व हावी है, उनकी पार्टी, पार्टी की गतिविधि और पार्टी के सिद्धांत पर कहीं कोई गंभीर नहीं है। जबकि आज की तारीख में हर पार्टी नेता कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि पार्टी की नीतियों व कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार में जुट जाएं, जबकि स्वयं सबसे सशक्त सोशल मीडिया फेसबुक पर अपने ही कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार में व्यस्त रहते हैं। क्योंकि बिहार में पार्टियां नीति से नहीं, व्यक्ति से चलती हैं।