कल तक चलेगा पटना पुस्तक मेला
साकिब ज़िया /पटना। दो दिनों के बाद खिली धूप से पुस्तक मेला में भी रौनक रही। पटना पुस्तक मेला में राजधानी वासियों ने रविवार की छुट्टी का सपरिवार खूब लुत्फ उठाया। पुस्तकों के महाकुंभ स्थित काशी मुक्ताकाश मंच पर अरुण कुमार श्रीवास्तव की लिखी पुस्तक "माओइज्म इन इंडिया" का विमोचन हुआ। इस किताब पर प्रकाश डालते हुए लेखक अरुण कुमार ने बताया कि भारत में माओवादी एक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह विषय ऐसा है जिसपर सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं और आम लोगों को मंथन करना चाहिए ताकि देश में अमन-चैन बहाल हो सके और देश प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर हो सके। इस समारोह में जाने-माने गांधी विचारक रज़ी अहमद ने कहा कि देश भर में माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कई बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं जो सराहनीय है। मौके पर पूर्व डीजीपी डी. एन. गौतम, रंगकर्मी अनीश अंकुर, पियूष कुमार, अरविंद सिन्हा और पत्रकार सह लेखक धुव्र कुमार ने भी शिरकत की और अपने विचारों से विषय पर रौशनी डाली।
पुस्तक मेला का अंतिम रविवार होने के कारण पटना वासी छोटे बच्चों के साथ घूमते नज़र आए। इस पुस्तक मेला में हर उम्र के पसंद की किताबों के स्टॉल लगे हुए हैं कोई सिलेबस की किताब खरीदते दिखा तो कोई धार्मिक। कहते हैं न कि किताबों से अच्छा कोई दोस्त नहीं होता यही कारण रहा कि भारी भीड़ के बावजूद बुजुर्गों ने भी किताबों के स्टॉलों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और पसंद की पुस्तकों को खरीदने में जरा भी संकोच नहीं किया। छोटे बच्चों ने तो मेला घूमने के साथ साथ अपने कोर्स और कार्टून की किताबें भी खरीदी। बच्चों की किताबों के प्रकाशकों ने तरह-तरह की विशेष छूट दे रखी है मेला आयोजकों की ओर से शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं को परिसर में प्रवेश के लिए विशेष छूट दिए जाने के कारण नौजवानों की बड़ी संख्या देखी गई। ऐसे संस्थानों से पुस्तक प्रेमी समूहों में अपनी-अपनी जरूरत और पाठ्यक्रम के अनुसार विभिन्न स्टॉलों पर किताबों को ढूंढते दिखे। यह मेला 15 दिसंबर को पुरस्कार वितरण के साथ ही समाप्त हो जाएगा।
साकिब ज़िया मीडिया मोरचा के ब्यूरो प्रमुख हैं