Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

लोकसभा अध्यक्ष ने तीसरे प्रेस आयोग के गठन की संभावनाएं तलाशने का दिया आश्वासन

दिल्ली पत्रकार संघ की स्मारिका आत्मावलोकन का लोकार्पण

नयी दिल्ली/ मीडिया जगत में आए बदलावों एवं उनसे उत्पन्न चुनौतियों का समाधान खोजे जाने पर बल देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पत्रकारों को आश्वासन दिया है कि वह तीसरे प्रेस आयोग के गठन की संभावनाएं तलाशेंगी। श्रीमती महाजन ने कल देर शाम दिल्ली पत्रकार संघ की स्मारिका "आत्मावलोकन" के लोकार्पण के मौके पर पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया।

दिल्ली पत्रकार संघ के प्रतिनिधियों ने लोकसभा अध्यक्ष से वर्तमान पत्रकारिता एवं उसकी चुनौतियों पर चर्चा करते हुए बताया कि प्रथम प्रेस आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 1960 के दशक में भारतीय प्रेस परिषद का गठन किया गया था, जो केवल प्रिंट माध्यम का नियामन करती है। अब 21 वीं सदी में प्रिंट से अधिक प्रभावशाली माध्यम बन चुके इलैक्ट्रॉनिक एवं न्यू मीडिया इस प्रणाली से पूरी तरह से बाहर है। इससे पत्रकारिता के मूल्यों का गिरावट आई है और समाज एवं पत्रकारिता के बीच का विश्वास डगमगाया है। उन्होंने कहा कि इसीलिए सभी तों पर विचार और समुचित व्यवस्था के लिये तीसरे प्रेस आयोग का गठन समय की मांग है।

लोकसभाध्यक्ष ने प्रतिनिधिमंडल की बात ध्यानपूर्वक सुनी और पत्रकारिता जगत की साख को बरकरार रखने की चिंताओं से संबद्धता व्यक्त की। उन्होंने अाश्वासन दिया कि वह तीसरे प्रेस आयोग के गठन को लेकर सकारात्मक विचार करेंगी और इसकी संभावनायें तलाशेंगी।

प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष मनोहर सिंह, उपाध्यक्ष राकेश शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष मनोज वर्मा, कोषाध्यक्ष नेत्रपाल शर्मा, आत्मावलाेकन के संपादक उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद मुजुमदार आदि मौजूद थे। दिल्ली पत्रकार संघ की स्मारिका में प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष समेत अनेक महत्वपूर्ण हस्तियों एवं वरिष्ठ पत्रकारों ने लेख लिखे हैं।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना