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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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Blog posts : "General"

साहित्य प्रकाशन बनाम सोशल मीडिया का प्रभाव

डॉ.अर्पण जैन "अविचल’/ एक दौर था, जब साहित्य प्रकाशन के लिए रचनाकार प्रकाशकों के दर पर अपने सृजन के साथ जाते थे या फिर प्रकाशक प्रतिभाओं को ढूँढने के लिए हिन्दुस्तान की सड़के नापते थे, परंतु विगत एक दशक से भाषा की उन्नति और प्रतिभा की खोज का सरलीकरण सोशल मीडिया के माध्…

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खबर पहले ब्रेक करने का इतना अधिक दबाव क्यों?

कर दिया लालू यादव को बरी

नीतीश चंद्रा/ आज सबक लेने का दिन है रिपोर्टर्स और संपादकों के लिए। रांची में चारा घोटाला मामले में लालू यादव के बरी हो जाने की गलत खबर जिस तरह से कई चैनलों पर चली वो हर कीमत पर खबर पहले ब्रेक करने की उसी होड़ का …

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गूगल डूडल ने याद किया देश की प्रथम महिला फोटो पत्रकार को

होमई व्यारावाला का जन्म दिन आज

साकिब जिया/ भारत की प्रथम महिला फोटो पत्रकार होमई व्यारावाला का आज 104वां जन्मदिन है। देश की इस प्रथम महिला फोटो पत्रकार ने न सिर्फ 15 अगस्त 1947 में लाल किले पर ध्वजारोहण समारोह और लॉर्ड माउंटबेंटन…

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राज्य प्रशासन में सोशल मीडिया का प्रयोग कहीं आगे, कहीं फिसड्डी

पारदर्शी प्रशासन के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर जोर दे सरकार

भुवन कुमार/पटना/  पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर गेम चेंजर की तरह काम किया ह…

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पटना में पुस्तकों का महाकुंभ दो दिसंबर से

संजय कुमार/ साकिब जिया/ पटना। इस बार पटना पुस्तक मेला में सरकारी भागीदारी रहेगी। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार एवं सेंटर फार रीडरशिप डेवलप मेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित ज्ञान एवं संस्कृति का महाकुंभ 24वाँ पटना पुस्तक मेला आगामी 02 से 11 दिसम्ब…

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खबरो में कुछ बच नहीं रहा.. एक ही नायक.. एक ही खलनायक..

बिगड़ी तबियत.. चाय की चुस्की.... तो चाय की प्याली का तूफान कैसे थमे?

पुण्य प्रसून वाजपेयी/ हैलो....जी कहिये...सर तबियत बिगड़ी हुई है तो आज दफ्तर जाना हुआ नहीं...तो आ …

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जानेमाने चित्रकार ,पत्रकार और लेखक चंचल को जेल भेज दिया

मामला बयालीस साल पुराना है

अंबरीश कुमार / देश के जानेमाने चित्रकार ,पत्रकार और लेखक चंचल को आज अंततः जौनपुर की अदालत ने जेल भेज दिया .मामला बयालीस साल पुराना है जब वे बनारस हिंदू विश्विद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष थे .अब साठ पार के …

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पत्रकार के साथ दुर्व्‍यवहार के मामले ने तुल पकड़ा

पटना (बीवाईएन)। वरिष्‍ठ पत्रकार और खुसरूपुर निवासी संजय वर्मा के साथ स्‍थानीय थाना प्रभारी और सीओ द्वारा किया गया दुर्व्‍यवहार तुल पकड़ने लगा है। संजय वर्मा सत्ता के गलियारे में मजबूत पहुंच रखते हैं।  …

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लोकसभा अध्यक्ष ने तीसरे प्रेस आयोग के गठन की संभावनाएं तलाशने का दिया आश्वासन

दिल्ली पत्रकार संघ की स्मारिका आत्मावलोकन का लोकार्पण

नयी दिल्ली/ मीडिया जगत में आए बदलावों एवं उनसे उत्पन्न चुनौतियों का समाधान खोजे जाने पर बल देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने …

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ग्रामीण समुदाय की आवाज बना अल्फाज़-ए-मेवात सामुदायिक रेडियो

सोनिया चोपड़ा/ सामुदायिक रेडियो की अवधारणा आकाशवाणी की रेडियो सेवा को ध्यान में रखकर की गई थी. आकाशवाणी सरकारी तंत्र की सहायता से सूचनाओं का अदान-प्रदान करने के साथ-साथ गीत-संगीत, साक्षात्कार तथा परिचर्चाओं के जरिए जनता से रूबरू होता था और यही एकमात्र सूचना, संगीत और मनोरंजन …

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बंद होने जा रहा है नेशनल दस्तक!

फिलहाल वहां काम ठप्प है और तमाम कर्मचारी नौकरी छोड़ चुके हैं

वेब चैनल नेशनल दस्तक बिकने जा रहा है या फिर बंद होने जा रहा है। इससे जुड़े रहने वाले कर्मचारियों के हवाले से खबर आई है कि रियल इस्टेट स…

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भाषण, सेक्स और चैनल

हालात तो खुला खेल फर्रुखाबादी से आगे के हैं...

पुण्य प्रसून बाजपेयी/ दिन शुक्रवार। वक्त दोपहर के चार साढ़े चार का वक्त । प्रधानमंत्री बनारस में मंच पर विराजमान। स्वागत हो रहा है । शाल-दुशाला …

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हत्यारों को कठघरे में कौन खड़ा करेगा?

पुण्य प्रसून बाजपेयी / तो गौरी लंकेश की हत्या हुई। लेकिन हत्या किसी ने नहीं की। यह ऐसा सिलसिला है, जिसमें या तो जिनकी हत्या हो गई उनसे सवाल पूछा जायेगा, उन्होंने जोखिम की जिन्दगी को ही चुना। या फिर हमें कत्ल की आदत होती जा रही है क्योंकि दाभोलकर, पंसारे, कलबुर्गी …

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गौरी लंकेश का आख़िरी संपादकीय हिन्दी में

इस बार का संपादकीय फेक न्यूज़ पर था और उसका टाइटल था- फेक न्यूज़ के ज़माने में

रवीश कुमार/ गौरी लंकेश नाम है पत्रिका का। 16 पन्नों की यह पत्रिका हर हफ्ते निक…

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पत्रकारों का बलिदान !

रिजवान चंचल / जोखिम उठाकर खबर देने वाले खबरनवीस पहले भी खबर बनते रहें हैं और आज भी खबर बन रहे हैं .किसी का पैर तोड़ दिया जा रहा है तो किसी के सिर में तलवार घोंप दी जा रही है, कहीं कैमरे तोड़ दिए जा रहें हैं तो कहीं ओबीवैन तक आग के हवाले कर दी जा रही हैं, गोली खाने वालों की फेहरिस…

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पत्रकारिता में भी 'राष्ट्र सबसे पहले' जरूरी

लोकेन्द्र सिंह/ मौजूदा दौर में समाचार माध्यमों की वैचारिक धाराएं स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार है, जब आम समाज यह बात कर रहा है कि फलां चैनल/अखबार कांग्रेस का है, वामपंथियों का है और फलां चैनल/अखबार भाजपा-आरएसएस की विचारधारा का है। समाचार माध्यमों को…

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क़तरनों में छिपी अर्थव्यवस्था की गिरावट की ख़बरें

रवीश कुमार/ बिजनेस अख़बारों में एक चीज़ नोटिस कर रहा हूं। अर्थव्यवस्था में गिरावट की ख़बरें अब भीतर के पन्नों पर होती हैं। कोर सेक्टर में आई गिरावट की ख़बर पहने पन्ने पर छपा करती थी लेकिन इसे भीतर सामान्य ख़बर के तौर पर छापा गया था।…

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क्या प्रभाष जोशी होने के लिए रामनाथ गोयनका चाहिए?

ये पुस्तक जीवनी कम पत्रकारीय समझ पैदा करते हुये अभी के हालात को समझने की चाहे अनचाहे एक ऐसी जमीन दे देती है, जिस पर अभी प्रतिबंध है…

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तेजस्‍वी के इस्‍तीफे के लिए ‘बेहाल’ है मीडिया

वीरेन्द्र कुमार यादव/ पटना/ उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव के इस्‍तीफे को लेकर बिहार का मीडिया बेहाल है। इस्‍तीफे के कारण और परिणाम गिनाये जा रहे हैं। विधायकों की संख्‍या और उनकी जाति की गिनती हो रही है। सत्‍तारूढ़ जदयू ने सिर्फ सहयोगी पार्टी को आरोपों को ले…

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साठ साल में पहली बार प्रेस क्लब से गिरफ्तारी !

अंबरीश कुमार/ लखनऊ/ वर्ष 1968 में लालबाग क्षेत्र में ' चाइना गेट ' नाम का जो भवन यूपी प्रेस क्लब को सरकार ने दस साल की लीज पर दिया उसमे पहली बार पुलिस ने प्रवेश कर एक पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी ,प्रोफ़ेसर रमेश दीक्षित समेत आठ लोगों को सोमवार को  गिरफ्तार किया . प्रेस क्…

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सम्पादक

डॉ. लीना