30 अगस्त को पूरे देश में पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ ऑनलाइन धरना
नई दिल्ली/ नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स- इंडिया (एनयूजे) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) ने देश में पत्रकारों की हत्या और उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे बनाकर जेल में भेजने के खिलाफ संसद के सामने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो ज्ञापन सौंपे गए। एक ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में सुरक्षा मांगने के बावजूद पुलिस की लापरवाही के कारण तीन पत्रकारों को गोली मार दी गयी। दूसरे ज्ञापन में उत्तराखंड में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक खामियों को उजागर करने वाले पत्रकारों पर राजद्रोह का प्रकरण दर्ज कर जेल भेजने के मामलों में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबद्ध एनयूजे-आई के अध्यक्ष रास बिहारी की अगुवाई में निकाले गये प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति को दिए गए ज्ञापन में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि 30 अगस्त को पूरे देश में पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ ऑनलाइन धरना दिया जाएगा।
दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा कि उत्तराखंड में पत्रकारों का सरकार उत्पीड़न कर रही है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मीडिया की आवाज दबाने में लगे हुए हैं। राज्य के वरिष्ठ पत्रकार और निजी न्यूज़ चैनल के मुख्य संपादक उमेश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा, एसपी सेमवाल तथा अन्य लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर गैंगस्टर लगा दिया गया।