विवेक असरी / ये द ऑस्ट्रेलियन का आज पहला पन्ना है। और भी कई बड़े अखबारों ने आज ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला पन्ना ऐसा ही छापा है। कई वेबसाइट्स ने अपना होम पेज ब्लैक कर दिया है। विरोध है मीडिया में बढ़ते सरकारी दखल का। कुछ महीने पहले पुलिस ने एक पत्रकार के घर और एक पत्रकार के दफ्तर पर छापे मारे क्योंकि उन्होंने सरकार विरोधी खबरें लिखी थीं। उसके बाद से ही देश में लगातार मीडिया की आजादी पर बहस हो रही है। आज उसी बहस को एक कदम आगे बढ़ाते हुए देश के सारे बड़े संस्थान साथ आए हैं। 'ऑस्ट्रेलियाज राइट टु नो' नाम से एक अभियान चलाया गया है और ये काले पन्ने उस अभियान की एक कड़ी है। (Vivek Asri के फेसबुक वाल से )
खबर के अनुसार, अख़बारों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया सरकार का सख़्त क़ानून उन्हें लोगों तक जानकारियाँ ला पाने से रोक रहा है.
अख़बारों ने पन्ने काले रखने का ये तरीक़ा इस साल जून में ऑस्ट्रेलिया के एक बड़े मीडिया समूह ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (एबीसी) के मुख्यालय और एक पत्रकार के घर पर छापे मारने की घटना को लेकर जारी विरोध के तहत उठाया. ये छापे व्हिसलब्लोअर्स से लीक हुई जानकारियों के आधार पर प्रकाशित किए गए कुछ लेखों के बाद मारे गए थे.