मुद्रित पुस्तकों को डिजिटल माध्यम के जरिये उपलब्ध कराना चाहिये
श्री जेटली ने किया वार्षिक संदर्भ ग्रंथ- इंडिया/भारत-2015 का विमोचन
नई दिल्ली। वित्त, कारपोरेट कार्य और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत-2015 का प्रकाशन भारत के विकास के विभिन्न पहलुओं के बारे में विश्वसनीय एवं अद्यतन सूचना उपलब्ध कराने की महान परम्परा को परिलक्षित करता है। श्री जेटली ने इस बात पर जोर दिया कि तकनीकी आयामों में आ रहे बदलावों के मद्देनजर मुद्रित प्रारूप में मौजूद पुस्तकों और ज्ञान से संबंधित उत्पादों को डिजिटल माध्यम में उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता है। नया डिजिटल माध्यम बड़े पाठक वर्ग तक सूचना को सुलभ और उपलब्ध करायेगा। श्री जेटली ने यह उद्गार आज सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तत्वावधान में प्रकाशन विभाग एवं न्यू मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा प्रकाशित वार्षिक संदर्भ ग्रंथ इंडिया/भारत-2015 के विमोचन के अवसर पर व्यक्त किये।
श्री जेटली ने कहा कि ‘द मेकिंग ऑफ द कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया’ वृत्तचित्र का डिजिटल संस्करण परम्परागत रूप से मुद्रित स्वरूप में उपलब्ध ज्ञान को सहेजने एवं उसका संरक्षण करने में डिजिटल मीडिया के उपयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है। भारत के विकास से संबंधित बहुमूल्य जानकारी देने वाली मुद्रित पुस्तकों का डिजिटिकरण युवाओं और दुनियाभर के पाठकों के लिए उपयोगी संदर्भ सामग्री साबित होगा। मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म्स के बावजूद, परम्परागत प्रारूपों की प्रासंगिकता आज भी विद्यमान है, जैसा कि वार्षिक संदर्भ ग्रंथ इंडिया/भारत-2015 के संदर्भ में है। उन्होंने कहा कि प्रासंगिक सूचना का समृद्ध संग्रह होने के नाते, वार्षिक संदर्भ ग्रंथ इंडिया/भारत-2015 सभी पुस्तकालयों के लिए अच्छा संकलन साबित होगा। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर भी इस अवसर पर मौजूद थे।
इससे पहले, सूचना एवं प्रसारण सचिव, श्री बिमल जुल्का ने कहा कि इस साल के वार्षिक संदर्भ ग्रंथ की खास विशेषता यह है कि इसमें स्वच्छ भारत मिशन, मेक इन इंडिया और प्रधानमंत्री जन धन योजना जैसे भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के संबंध में एक विशेष अध्याय जोड़ा गया है। इस वर्ष की राष्ट्रीय घटनाओं की डायरी भी जोड़ी गई है। इसकी गतिशीलता और आसान सुलभ सुनिश्चित करने के लिए अगले वर्ष से इस संदर्भ ग्रंथ का ई-संस्करण भी उपलब्ध कराया जाएगा। मुद्रित प्रारूप में उपलब्ध समृद्ध ज्ञानवर्धक विषयवस्तु के डिजिटिकरण, पुरालेखन और संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।
भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की वर्ष भर की गतिविधियों, प्रगति और उपलब्धियों का व्यापक और विश्वसनीय संग्रह होने के नाते इस शैली के वार्षिक प्रकाशनों में इंडिया/भारत-2015 का गौरवशाली स्थान है। इसमें ग्रामीण से लेकर शहरी तक, उद्योग से लेकर बुनियादी ढांचे, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कला एवं संस्कृति, राज्य व्यवस्था, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा एवं जनसंचार तक विकास के सभी पहलुओं की जानकारी दी गई है। वार्षिक संदर्भ ग्रंथ के प्रकाशन 59वें वर्ष में प्रिंट ऑर्डर में वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2007 में 37,000 प्रतियों का प्रकाशन किया गया था जबकि इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 1,15000 प्रतियां हो गई है।