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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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पत्रकारिता की महत्वपूर्ण विधा है फ़ोटो पत्रकारिता: प्रो. संजय

मीडिया अध्ययन विभाग में फोटोग्राफी पर कार्यशाला आयोजित

मोतिहारी। महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग में 'फ़ोटोग्राफी, वीडियोग्राफी व एनिमेशन' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कल किया गया। कार्यशाला के संरक्षक कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव व कुलानुशासक प्रो. प्रसून दत्त सिंह मौके पर मौजूद थे। अध्यक्षता  मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा ने की। कार्यशाला के संयोजक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र 'सहायक आचार्य मीडिया अध्ययन विभाग' थे।

जो शब्द बयां नहीं करती वो फोटो बयां कर जाती है

प्रो. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि फोटो पत्रकारिता, पत्रकारिता की महत्वपूर्ण विधा है। हमें ऐसी फोटो लेना चाहिए, जिसको लेने के बाद उसके बारे में बहुत कुछ लिखना ना पड़े। फोटो संकेत का काम करती है, जो शब्द बयां नहीं करती वो फोटो बयां कर जाती है। जहां शब्द कम पड़ जाते हैं, वहां फोटो कई चीजें बयां कर जाती हैं। फोटों पत्रकार के पास एक विशेष दृष्टि होती है, जो समय के साथ आती है।

तकनीक के बुनियादी पहलुओं पर चर्चा जरूरी

बतौर मुख्य वक्ता प्रशांत रवि 'संकाय, पटना महिला कॉलेज' ने विद्यार्थियों को फोटोग्राफी और कैमरा तकनीक के बुनियादी और उन्नत पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। वर्कशॉप में कैमरा के महत्वपूर्ण सेटिंग्स जैसे आईएसओ (इमेज सेंसर की संवेदनशीलता), शटर स्पीड (लाइट कैप्चर की गति), अपर्चर और व्हाइट बैलेंस (रंगों की सटीकता) पर गहराई से जानकारी दी गई। उन्होंने ने बताया कि आईएसओ कम होने पर तस्वीरें स्पष्ट आती हैं, जबकि अधिक आईएसओ में नॉइज़ बढ़ जाता है। शटर स्पीड के माध्यम से गतिशील वस्तुओं को कैप्चर करने और ब्लर इफेक्ट के नियंत्रण पर चर्चा की। अपर्चर के उपयोग से बैकग्राउंड ब्लर  बनाने और लाइट इनटेक को नियंत्रित करने की तकनीक समझाई। व्हाइट बैलेंस द्वारा विभिन्न प्रकाश स्रोतों के अनुसार रंग संतुलन बनाए रखने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया। अंत में वीडियोग्राफी और एनीमेशन की बारीकियों पर संक्षिप्त चर्चा की गई, जिसमें फ्रेम रेट, मोशन कैप्चर और एडिटिंग की तकनीकें शामिल थीं। इस वर्कशॉप ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को कैमरा ऑपरेशन की व्यावहारिक समझ और नवीन तकनीकों से परिचित कराया।

स्वागत वक्तव्य डॉ अंजनी कुमार झा ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज के कार्यशाला से विद्यार्थी कैमरा के तकनीकी पहलुओं को विस्तार से जान पाएंगे। उन्होंने कार्यशाला की प्रासंगिकता को रेखांकित किया।

मंच संचालन डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र ने किया। मुख्य वक्ता का परिचय प्रीति कुमारी 'बीजेएमसी द्वितीय सेमेस्टर' ने दिया। कार्यशाला में भाषा एवं मानविकी संकाय के अधिष्ठाता एवं कुलानुशासक प्रो. प्रसून दत्त सिंह, पंडित दीनदयाल उपाध्याय परिसर के निदेशक प्रो. शिरीष मिश्रा, प्रबंधन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सपना सुगंधा, वाणिज्य विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. शिवेंद्र सिंह उपस्थित थे। साथ ही  कार्यशाला आयोजन समिति के डॉ. साकेत रमण, डॉ. सुनील दीपक घोडके,  डॉ. उमा यादव, डॉ. मयंक भरद्वाज व श्री आयुष आनंद मौके पर मौजूद थे। मुख्य वक्ता का स्वागत अंग वस्त्र व मोमेंटो देकर किया गया।

कार्यशाला के बीच विद्यार्थियों द्वारा प्राकृतिक, एनिमल , ट्रैफिक जाम और मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं से सम्बंधित खिंचे फोटो को कुलपति के समक्ष रखा गया। यह कार्यशाला दो- पाली में आयोजित की गयी। जिसके पहले पाली में बीएजेएमसी द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थी मौजूद थे, तो वही द्वितीय पाली में बीजेएमसी षष्ठ , एमजेएमसी द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थी मौजूद थे।

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सम्पादक

डॉ. लीना