नई दिल्ली । सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मीडिया की दुनिया में तेज़ी से हुए विकास से कई बदलाव आए हैं जिसमें बदलती तकनीकों के साथ नियमों में भी उसी गति से परिवर्तन होना चाहिए। इन बदलती परिस्थितियों में समान गति बनाए रखने के लिए एक सक्षम कानूनी माहौल बनना चाहिए।
मीडिया और मनोरंजन जगत के बदलते स्वरूप ने इसे, हमारी अर्थव्यवस्था के तेज़ी से बढ़ते हुए क्षेत्रों में से एक बना दिया । यह उन नीतियों से संभव हो पाया है जिसमें कारोबार मॉडल के लिए निवेश, निरंतरता को प्रोत्साहन मिला है तथा उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा दिया गया। यह ज़रूरी था कि उद्योग विशेषकर प्रसारण क्षेत्र ने बदलती परिस्थितियों के साथ मेल बिठाया तथा उसे अपनाया। श्री तिवारी पिछले दिनों , बीईएस एक्सपो 2013 के एक समारोह में बोल रहे थे।
श्री तिवारी ने कहा कि उद्योग के नए स्वरूप ने 'समावेशी विकास ' की धारणा को सुदृढ़ किया है। 'समावेशी विकास' विश्वास का एक रूप है- यह एक विकासात्मक मॉडल था जिसमें सामाजिक विकास कार्यक्रमों और नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन से प्रत्येक हितधारक और प्राप्तकर्ता की चिंताओं को सम्मिलित किया गया था। मीडिया को लोकतांत्रिक रूप देने के मुद्दे पर श्री तिवारी ने कहा कि देश और बड़ी संख्या में लोगों की सामाजिक प्रकृति पर इस प्रक्रिया के निहितार्थों को समझना ज़रूरी था।
उन्होंने कहा कि बदलते परिस्थितियों में प्रसारण हमेशा संचार का एक शक्तिशाली माध्यम रहेगा। बीईएस एक्सपो 2013 जैसे सम्मेलन भविष्य की ज़रूरतों और प्रारूप को ध्यान में रखते हुए नीति निर्माण में बदलाव लाने तथा आत्म निरीक्षण करने का अवसर प्रदान करते हैं।
इससे पहले सार्वजनिक सूचना अवसंरचना और नावाचार के लिए प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने लोगों के जीवन में कई बडे़ बदलाव किए हैं। श्री पित्रोदा ने राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क और सार्वजनिक ढ़ांचागत व्यवस्था को मज़बूत करने में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। सूचना और प्रसारण सचिव उदय कुमार वर्मा ने भी हाल ही में हुए नीतिगत प्रयासों से इस क्षेत्र में हुए बदलावों पर प्रकाश डाला।(PIB)