माणक मेहता की 48वीं पुण्यतिथि पर संगोष्ठी आयोजित
जोधपुर/ समाचार पत्र 'दैनिक जलते दीप' के संस्थापक संपादक स्व. माणक मेहता की 48वीं पुण्यतिथि पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रो. संजय द्विवेदी ने मीडिया साक्षरता की आवश्यकता पर बल दिया। 'डिजिटल समय में प्रिंट मीडिया' विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है, इसे रोका नहीं जा सकता, ऐसे में परिवर्तन के साथ ही चलना होगा। उन्होंने कहा कि आज विश्व की 51 प्रतिशत से अधिक की आबादी सोशल मीडिया पर है, ऐसे में आमजन तक मीडिया की आसान पहुंच हो गई है। मीडिया को एक छत के नीचे लाने का कार्य डिजिटल मीडिया ने किया है, जहां खबरे पढ़ने के अलावा देखी और सुनी जा सकती हैं।
भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक ने कहा कि मीडिया खत्म नहीं हो रहा है, बल्कि उसका स्वरूप बदल रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया के उपयोग से अलग तरह के सामाजिक संकट भी पैदा हो रहे हैं। ऐसे में मीडिया साक्षरता की आवश्यकता है। गांधीजी के 'बुरा ना देखें, बुरा ना सुने और बुरा ना बोलें' की तर्ज पर उन्होंने कहा कि अब 'बुरा ना शेयर करें, बुरा ना टाइप करें और बुरा ना लाइक करें'।
संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जस्टिस एनएन माथुर ने की। इस अवसर पर जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति प्रो. के. एल. श्रीवास्तव, सूरसागर विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. कल्याण सिंह शेखावत, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र बोडा एवं 'दैनिक जलते दीप' के समाचार संपादक गुरूदत्त अवस्थी भी मौजूद रहे।