Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

वर्तमान समय की मांग है 'सेल्फ रेगुलेटेड मीडिया' : डॉ. मुरुगन

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने किया आईआईएमसी, कोट्टयम कैंपस का दौरा

कोट्टयम। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने सोमवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के कोट्टयम कैंपस में विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि दूरदर्शन के क्षेत्रीय भाषाओं के चैनल नए कंटेंट और टेक्नोलॉजी के साथ रिलांच होने के लिए तैयार हैं। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री जोस के मणि, श्री थॉमस चाझिकदान एवं कोट्टयम कैंपस के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अनिलकुमार वडावथूर भी उपस्थित रहे।

डॉ. मुरुगन ने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भरोसा है और हम इसे विश्वसनीय मानते हैं, लेकिन मीडिया के लिए आज एक सेल्फ रेगुलेटेड सिस्टम की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार मीडिया पर किसी भी तरह का नियंत्रण नहीं थोपना चाहती है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां सभी नागरिकों को बोलने का मौलिक अधिकार प्राप्त है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मीडिया पेशेवर नैतिकता से हट जाए। 

पत्रकारिता के विद्यार्थियों को सलाह देते हुए सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने कहा कि उत्तरदायित्व किसी भी प्रोफेशनल व्यक्ति के लिए बेहद आवश्यक है। वर्तमान समय का सबसे घातक वायरस फेक न्यूज है और पत्रकारों को न सिर्फ इस वायरस से दूर रहना चाहिए, बल्कि इससे निपटने के लिए भी प्रयास करना चाहिए।

प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता मन्नथु पद्मनाभन की 143वीं जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. मुरुगन ने कोट्टयम कैंपस के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अनिलकुमार वडावथूर द्वारा लिखी गई पुस्तक 'मन्नथु पद्मनाभन' का भी विमोचन किया।

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने अमेरिकी दूतावास और आईआईएमसी कोट्टयम द्वारा संयुक्त रूप से संचालित 'प्रोफेशनल एक्सीलेंस कोर्स' में भाग लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। अपनी यात्रा के दौरान डॉ. मुरुगन ने परिसर का दौरा किया और विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तारीफ भी की।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना