आईआईएमसी के महानिदेशक का जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में व्याख्यान
जोधपुर। "स्किल डेवलपमेंट से समाज आत्मनिर्भर बनता है। भारत की कौशल के क्षेत्र में गौरवमयी परंपरा रही है। यहां के लोगों ने अपनी संस्कृति एवं हुनर से विश्व को चमत्कृत किया है।" यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. एल. श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार श्री पदम मेहता एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. एस. के. मीना सहित समस्त संकाय सदस्य, शोधार्थी और विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।
'मीडिया के सामाजिक और राजनीतिक सरोकार' विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज के निर्माण के लिए अच्छे सामाजिक मूल्यों की स्थापना जरूरी है। एक अच्छा मनुष्य ही अच्छा पत्रकार बन सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से अधिकार बोध के साथ कर्तव्य बोध को भी जागृत करने की आवश्यकता है। वर्तमान युग में समस्या के बजाय समाधानमूलक पत्रकारिता की आवश्यकता है। मीडिया का सामाजिक सरोकार इसी प्रकार के संवाद को बल देने का है।
आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार आधुनिक शिक्षा में नैतिक शिक्षा, पर्यावरण जागरूकता एवं कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले मनुष्य ने प्रकृति के साथ समझौता किया। उसका वहां के जंगल, नदियों, पर्वतों से रिश्ता था। आज उसी पर्यावरण प्रेम की आवश्यकता है।