पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग
नयी दिल्ली। काम के दौरान हमलों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र देश भर के पत्रकार अपनी सुरक्षा के लिये एक राष्ट्रीय कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) (एनयूजे) की अगुआई में आगामी सात दिसंबर को वे संसद का घेराव करेंगे। एनयूजे के एक उच्चस्तरीय बैठक में कल इस आशय का फैसला लिया गया और इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी एक ज्ञापन भेजा गया है।
2 नवंबर से 23 नवंबर तक एनयूजेआई की सभी राज्य इकाइयाँ प्रदेश तथा जिला स्तर पर ज्ञापन देकर पत्रकारों की हत्याओं, शोषण और छंटनी के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी।
बैठक में एनयूजे के अध्यक्ष रासबिहारी ने पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के गठन को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि आज देश भर में पत्रकारों की हत्या और जानलेवा हमलों की वारदातें बढ़ती जा रही हैं। पत्रकारों में असुरक्षा का महौल व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मीडिया परिषद और मीडिया आयोग की मांग भी संसद घेराव के दौरान पुरजोर ढंग से उठाई जाएगी।
महासचिव रतन दीक्षित के अनुसार, प्रदर्शन में देशभर से करीब दो हजार पत्रकारों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। उन्होंने ‘‘एंड-ईम्यून्टिी” में एनयूजे-आई की भागीदारी का खाका पेश करते हुए बताया कि सभी राज्य इकाइयां संबंधित राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर पत्रकार सुरक्षा के लिए आवाज बुलंद करेंगी। ज्ञापन जिला स्तर पर भी दिया जाएगा।
आगामी एक महीने के दौरान राजनीतिक दलों, सांसदों और सामाजिक और श्रमिक संगठनों को पत्रकारों से जुड़ी समस्याओं से भी अवगत कराये जाने की योजना है।