पटना। नेशनल बुक ट्रस्ट, एन.बी.टी. के नौ दिवसीय पटना पुस्तक मेला 2015 के दौरान शुक्रवार को साहित्यिक कार्यक्रमों की कड़ी में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये। "अभियान संस्कृति मंच" की ओर से आयोजित "मानसिक स्वास्थ्य एवं मीडिया" पर बातचीत को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने साफ कहा कि मीडिया को आगे आना होगा और मीडिया में मानसिक स्वास्थ की खबरें जगह पाये इसके लिए जरूरी है मीडिया पर दबाव का बनाया जाना।
चर्चित मनोरोगी विशेषज्ञ डाॅ. विनय कुमार ने कहा कि विश्व में ह्दय रोगियों के बाद दूसरे नंबर पर मानसिक रोगी हैं, लेकिन मीडिया में इन्हें जगह नहीं मिलती है। उन्होंने मानसिक रोग पर मीडिया की ओर से कारगर कदम उठाये जाने की मांग की। दूरदर्शन के समाचार संपादक संजय कुमार ने कहा कि मीडिया आज पूरी तरह से बदलाव के दौर में हैं और वह बाजार के चपेट में है। ऐसे में स्वास्थ्य, सामाजिक व जनपक्षी मुद्दे मीडिया से दूर होते जा रहे है।
वरिष्ठ पत्रकार अमरकांत तिवारी ने कहा कि आज पत्रकार दबाव में है। काम और बाजार के दबाव में है। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की खबरों को मीडिया में जगह मिले इसके लिए मीडिया हाउस से संवाद पर बल किया। वहीं वरिष्ठ पत्रकार सुकांत नागार्जुन ने कहा कि तेजी से चीजे बदल रही है और मीडिया भी बदला है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव में कई महत्वपूर्ण मुद्दे दब जा रहे हैं। दैनिक जागरण के पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि आज मीडिया के अंदर और बाहर सच बोलने की आजादी नहीं रही है। लोग बोलने से डरते है। उन्हें नौकरी खोने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि आज पत्रकार इतना दबाव में काम कर रहा है कि उसे यह भी पता नहीं कि क्या सही है क्या गलत ,बस वह स्टोरी फाइल करता है।
बिहार की क्षेत्रीय भाषाएं एवं उनका साहित्य
एन.बी.टी. की ओर से बिहार की क्षेत्रीय भाषाएं एवं उनका साहित्य पर परिचर्चा आयोजित की गयी। इसमें मगही अकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा, साहित्यिकार केदार पाण्डेय, रिपुसूदन श्रीवास्तव और प्रो.रासबिहारी सिंह सहित कई ने क्षेत्रीय भाषाएं एवं उनका साहित्य पर विस्तार से प्रकाश डाला।
पुस्तक आप एवं आपका व्यवहार का लोकार्पण
एक अन्य कार्यक्रम में सूर्या सिन्हा की सद्यः प्रकाशित पुस्तक आप एवं आपका व्यवहार का लोकार्पण किया गया। मौके पर लेखक ने कहा कि मनुष्य जन्म लेकर अपने जीवन के अंतिम क्षण तक कामयाबी पाने की ही सोचता है। ऐसे में कामयाबी के कारको को जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में इन्हीं कारकों को बखूबी रखा गया है।