Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

हर दिन 30 मिनट लोक सेवा प्रसारण करना जरूरी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लोक सेवा प्रसारण के दायित्वों पर एडवाइजरी जारी की

नई दिल्ली/ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 9 नवंबर 2022 को "भारत में टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022" जारी किए थे। दिशानिर्देशों में, अन्य बातों के अलावा, निजी प्रसारकों को हर दिन 30 मिनट के लिए लोक सेवा प्रसारण करना आवश्यक है। इस संबंध में, मंत्रालय ने निजी सैटेलाइट टीवी चैनल प्रसारकों और उनकी एसोसिएशन के साथ व्यापक परामर्श किया और उनके इनपुट के आधार पर 30 जनवरी 2023 को एक "एडवाइजरी" जारी की गई।

"एडवाइजरी" के माध्यम से मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्रसारित किए जा रहे कार्यक्रमों में प्रासंगिक सामग्री को लोक सेवा प्रसारण के लिए गिना जा सकता है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह जरूरी नहीं है कि प्रसारण सामग्री पूरे 30 मिनट की एक बार में प्रसारित की जाए। इसे कई छोटे टाइम स्लॉट में भी प्रसारित किया जा सकता है और ब्रॉडकास्टर को इसकी जानकारी ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर एक मासिक रिपोर्ट के रूप में ऑनलाइन जमा करनी होगी। प्रसारण के विषय में निम्नलिखित सहित राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता की सामग्री शामिल होनी चाहिए-

1. शिक्षा और साक्षरता के प्रसार संबंधी;

2. कृषि और ग्रामीण विकास;

3. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण;

4. विज्ञान और प्रौद्योगिकी;

5. महिला कल्याण;

6. समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण संबंधी;

7. पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा; और

8. राष्ट्रीय एकीकरण

ए़डवाइजरी का उद्देश्य निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों द्वारा इसके स्वैच्छिक अनुपालन और स्व-प्रमाणन के माध्यम से लोक सेवा प्रसारण के उद्देश्य को प्राप्त करना है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर "एडवाइजरी" की एक कॉपी उपलब्ध है। 

 https://mib.gov.in/sites/default/files/Advisory%20on%20Obligation%20of%20PSB_1.pdf

और प्रसारण सेवा पोर्टल पर भी इसे प्राप्त किया जा सकता है।   

https://new.broadcastseva.gov.in/digigov-portal-web-app/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=140703942&whatsnew=true

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना