रायपुर । पिछले दिनो , वरिष्ठ कथाकार और पत्रकार परितोष चक्रवर्ती की पुस्तक ’कतई हाशिए पर नहीं’ का विमोचन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और प्रो. हरिमोहन ने संयुक्त रूप से किया । लगभग 268 पृष्ठों की यह किताब श्री चक्रवर्ती द्वारा अपने पत्रकार जीवन के दौरान विभिन्न विषयों पर लिखे गए आलेखों, साक्षात्कारों, संस्मरणों और पुस्तक समीक्षाओं का संकलन है।
मुख्यमंत्री ने पुस्तक के प्रकाशन उन्हें बधाई देते हुए कहा कि श्री चक्रवर्ती ने विषयवार अलग-अलग खण्डों में पुस्तक में जिन आलेखों को शामिल किया है वे काफ़ी महत्वपूर्ण हैं। इनमें छत्तीसगढ़ की घटनाओं पर आधारित आलेख भी है तो सरकार की योजनाओं की समालोचना भी की गई है। उनके द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर से लिया गया साक्षात्कार भी इसमें पठनीय है। पुस्तक की हर विषय वस्तु काफी सुरूचिपूर्ण है।
मौके पर आगरा के प्रतिष्ठित कन्हैयालाल माणिक मुंशी हिंदी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ के निदेशक व वरिष्ठ साहित्यकार हरिमोहन ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि श्री चक्रवर्ती की यह कृति उनके पत्रकार, कथाकार, के साथ-साथ उनके समीक्षक को भी सामने लाता है, जिसमें कला, संस्कृति, और जीवन मूल्यों के अनुरक्षण की वाज़िब चिन्ताएँ हैं । उन्होंने कहा कि जिन्हें हाशिए पर नहीं होना चाहिए उनकी ओर लेखक ने शिद्धत से इशारा किया है ।
विमोचन समारोह में डॉ. सुशील त्रिवेदी ने पुस्तक पर अपना आधार-वक्तव्य दिया। जयप्रकाश मानस ने पुस्तक पर अपना समीक्षात्मक आलेख पढ़ा ।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक रमेश नैयर, पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक विश्वरंजन, दूरदर्शन केन्द्र के सेवानिवृत्त उप महानिदेशक और उपन्यासकार, तेजिन्दर सिंह गगन, कथाकार संजीव बख्शी, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष, डॉ. रमेन्द्र नाथ मिश्र, कथाकार डॉ. उर्मिला शुक्ल, कवयित्री वंदना केंगरानी, नीलू मेघ, शकुंतला तरार, भगत सिंह सोनी, सुरेश पंडा, सुधीर कुमार सोनी, प्रवीण गोधेजा, कृष्णधर शर्मा, अरविंद मिश्रा, संजीव ठाकुर, छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ त्यागी डॉ. राम कुमार बेहार, सीमा श्रीवास्तव सहित शताधिक लेखक, कवि और बुद्धिजीवी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य की अनेक संस्थाओं की ओर से प्रो. हरि मोहन का सम्मान भी किया गया । डॉ. जे.आर. सोनी ने स्वागत भाषण दिया । संचालन डॉ. सुधीर शर्मा ने किया।