इसमें दो सेक्शन होंगे, एक खबरों का तो दूसरा विडियो का
मासिक पत्रिका "दलित दस्तक" के तकरीबन चार वर्षों के सफल संपादन/प्रकाशन के बाद इसके संपादक अशोक दास अब वेब चैनल लांच करने की तैयारी में हैं। वेब चैनल का नाम "नेशनल दस्तक" होगा। इसके माध्यम से खासतौर पर उन अनछुए पहलुओं की ओर झांकने की कोशिश की जाएगी, जिसे मुख्यधारा की इलेक्ट्रानिक मीडिया नजरअंदाज कर देती है। अपने इस नए वेंचर के बारे में अशोक दास ने बताया कि वैकल्पिक मीडिया के क्षेत्र में मैंने पहला कदम 'दलितमत.कॉम' नाम की वेबसाइट के जरिए बढ़ाया था। इसके बाद मासिक पत्रिका के तौर पर 'दलित दस्तक' शुरु किया, लेकिन इन दोनों माध्यमों के बाद अब विजुअल (इलेक्ट्रानिक मीडिया) के क्षेत्र में आने की जरूरत भी महसूस हो रही थी, चूंकि इलेक्ट्रानिक चैनल चलाना बहुत ही खर्चीला होता है इसलिए मैंने वेब चैनल का रास्ता चुना। नेशनल दस्तक के जरिए किन मुद्दों को उठाना प्राथमिकता होगी, पूछने पर उन्होंने बताया कि इसमें दो सेक्शन होंगे। एक खबरों का तो दूसरा विडियो का।
पहले सेक्शन में देश भर में हर पल बदलते सामाजिक और राजनीतिक सहित तमाम गतिविधियों को अपडेट किया जाएगा। इसका विडियो वाला दूसरा सेक्शन खास होगा। जहां इलेक्ट्रानिक चैनलों की भीड़ ज्यादातर सिर्फ दिल्ली और एनसीआर की राजनीतिक और क्राइम की खबरों तक ही सीमित रहती है, हम यहां से बाहर देश के दूसरे हिस्सों में झांकने की कोशिश करेंगे। हमारी कोशिश देश के सामने उन खबरों को लाने की होगी, जिसकी ओर से आमतौर पर आंखें मूंद ली जाती है। विडियो सेक्शन में डाक्यूमेंटरी, इंटरव्यू और विमर्श पर भी जोर दिया जाएगा। हम समाज के उस बड़े तबके की बात को उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसकी आवाज अब तक मीडिया में अनसुनी रही है। गौरतलब है कि अशोक दास दिल्ली स्थित देश के सर्वोच्च पत्रकारिता संस्थान “भारतीय जनसंचार संस्थान” (आईआईएमसी) से 2006 में पास होने के बाद पिछले दस सालों से मीडिया में सक्रिय हैं।