"श्रम साधना "स्मारिका के सफल प्रकाशन के बाद जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड राइटर्स वेलफेयर एसोसिएशन,ला रहा है 'दस्तावेज'। अतुल मोहन समदर्शी ने बताया कि स्वाधीनता
के पैंसठ वर्ष और भारतीय संसद के छः दशकों की गति-प्रगति, उत्कर्ष-पराभव,
गुण-दोष, लाभ-हानि और सुधार के उपायों पर आधारित सम्पूर्ण विवेचन, विश्लेषण
अर्थात जिसमें स्वतन्त्रता संग्राम के वीर
शहीदों की स्मृति एवं संघर्ष गाथाओं, विजय के सोल्लास और विभाजन की पीड़ा
के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र की यात्रा कथा, उपलब्धियों, विसंगतियों,
राजनैतिक दुरागृह, विरोधाभाष, दागियों-बागियों का राजनीति में बढ़ता
वर्चस्व, अवसरवादी दांव-पेच तथा गठजोड़ के दुष्परिणामों, व्यवस्थागत दोषों,
लोकतंत्र के सजग प्रहरियों के सदप्रयासों, ज्वलंत मुद्दों तथा समस्याओं के
निराकरण एवं सुधारात्मक उपायों सहित वह समस्त विषय सामग्री समाहित करने का
प्रयास किया जाएगा, जिसकी कि इस प्रकार के दस्तावेज में अपेक्षा की जा
सकती है.
उन्होने बताया कि इस दस्तावेज में देश भर के चर्तित राजनेताओं, ख्यातिनामा लेखकों, विद्वानों के लेख आमंत्रित किये गए है. स्मारिका का आकार ए-फोर (11गुणे 9 इंच) होगा तथा प्रष्टों की संख्या 1000 के आस-पास. इस अप्रतिम, अभिनव अभियान के साझीदार आप भी हो सकते हैं. विषयानुकूल लेख, रचनाएँ भेजें तथा साथ में प्रकाशन अनुमति, अपना पूरा पता एवं चित्र भी. विषय सामग्री केवल हिन्दी, उर्दू अंगरेजी भाषा में ही स्वीकार की जायेगी. लेख हमें हर हालत में 31 अक्टूबर 2012 तक प्राप्त हो जाने चाहिए ताकि उन्हें यथोचित स्थान दिया जा सके.
रचनाएँ इस पते पर भेजी जा सकता है -
जर्नलिस्ट्स, मीडिया एंड राइटर्स वेलफेयर एसोसिएशन
19/ 256 इंदिरा नगर , लखनऊ -226016
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