रमेश नैयर/ पुस्तक ‘मोदी युग’ का शीर्षक देखकर प्रथम दृष्टया लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्तुति में धड़ाधड़ प्रकाशित हो रही पुस्तकों में एक कड़ी और जुड़ गई। अल्पजीवी पत्र-पत्रिकाओं के लेखों के साथ ही एक के बाद एक सामने आ रही पुस्तकों में मोदी सरकार की जो अखंड वंदना चल रही है, वो अब…
Blog posts : "पुस्तक समीक्षा"
सजग पत्रकार की दृष्टि में मोदी-युग
सामाजिक प्रतिबद्धताओं से सजा व्यंग्य संग्रह: शोरूम में जननायक
एम. एम. चन्द्रा/ अनूप मणि त्रिपाठी का पहला व्यंग्य संग्रह “शोरूम में जननायक” में लगभग तीन दर्जन व्यंग्य है. व्यंग्य संग्रह में भूमिका नहीं है, सुधी पाठक इससे अंदाज लगा सकते है कि नव लेखन के सामने आने वाली चुनौतियां कम नहीं होती. पुस्तक में भूमिका का न होना एक तरह अच्छा ही हुआ ह…
इतिहासबोध से वर्तमान विसंगतियों पर प्रहार
सागर मंथन चालू है
समीक्षक: एम् एम् चन्द्रा/ व्यंग्य की दुनिया में चार पीढ़ी एक साथ सक्रिय है. यह व्यंग्य क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है. मैं व्यक्तिगत तौर पर इस बात का खंडन करता हूँ कि व्यंग्य के लिए यह समय अन्धकार का समय है या चरणवं…
कल्लू मामा जिंदाबाद
समीक्षक - आरिफा एविस / सोशल मीडिया पर एक चरित्र “कल्लू मामा” रोज आता है बिंदास किसी की परवाह किये बिना लिखता है तब मैंने इस कल्लू मामा को समझने की कोशिश की .... हालाँकि मैंने आज तक इनको न देखा है न सुना बस फेसबुक पर ही पढ़ा है.....तब मैंने व्यंग्यकार सुभास चंदर का …
बिहारी राजनीति की सेक्स यात्रा
रमणिका गुप्ता की आत्मकथा “आपहुदरी” पटना के पत्रकार वीरेंद्र कुमार यादव की नजर से
हिन्दी की लेखिका और बिहार विधान मंडल की पूर्व सदस्य रमणिका गुप्ता की अपनी संघर…
समय की निराशा को दूर करने और मनुष्य की शून्यता को भरने की ज़िद
'रेत पर लिखी इबारतें (जाबिर हुसेन का रचना-कर्म) और 'कोलाहल में शब्दों की लय' (जाबिर हुसेन की क़लम) पुस्तकों की समीक्षा
…जहाँ शब्द कभी बासी नहीं होते
कविता संग्रह- 'राजधानी में एक उज़बेक लड़की' की समीक्षा
समीक्षक- शहंशाह आलम/ कविता सड़ रहे समय के सबसे अधिक विरुद्ध रहती है। यह किसी भी कवि-समय के लिए सुखद होता है, जब उस कवि की कवि…
भावों की एक सच्ची अभिव्यक्ति
मैं भारत हूँ’ युवा पत्रकार और लेखक लोकेन्द्र सिंह की प्रथम काव्यकृति है
गिरिजा कुलश्रेष्ठ। ‘मैं भारत हूँ’ युवा पत्रकार और लेखक लोकेन्द्र सि…
दीनदयाल जी की याद दिलाती एक किताब
लोकेन्द्र सिंह/ भारतीय जनता पार्टी के प्रति समाज में जो कुछ भी आदर का भाव है और अन्य राजनीतिक दलों से भाजपा जिस तरह अलग दिखती है, उसके पीछे महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तपस्या है। दीनदयालजी के व्यक्तित्व, चिंतन, त्याग और तप का ही प्रतिफल है कि आज भारतीय जनता पार्ट…
दलितों के खाद्य जीवन को रेखांकित करता:‘अन्न हे अपूर्णब्रह्म’
एक ऐसा दस्तावेज जो वर्ण,जाति व धार्मिक व्यवस्था की पोल खोलता दिखता है और उनके खान-पान को रेखांकित करता है
पुस्तक समीक्षा / सं…
ऐतिहासिक है नरेंद्र मोदी पर लिखी प्रकाश हिन्दुस्तानी की पुस्तक
समीक्षा/ बी.पी. गौतम /प्रकाश हिन्दुस्तानी, यह नाम स्वयं ही एक ब्रांड है। अपने लेखन के चलते पत्रकारिता जगत में बहुचर्चित प्रकाश हिन्दुस्तानी का नाम व चेहरा हर पाठक पहचानता है, उनके बारे में जितनी अधिक बात की जाये, उतनी कम ही रहेगी, इसलिए पिछले दिनों उनके द्वारा लिखी गई…
अभूतपूर्व चुनाव का अहम दस्तावेज 'मोदी लाइव'
पत्रकार संजय द्विवेदी की पुस्तक है 'मोदी लाइव'
लोकेन्द्र सिंह / सोलहवीं लोकसभा का आम चुनाव अपने आप में अनोखा था। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह पहला मामला था जब समस्त राजनीतिक दल सत्ताधारी पार्टी…
जिन्दगी के तल्खी को पुकारती आवाज़-ए-ज़मीर
पुस्तक समीक्षा/ एम. अफसर खां सागर/ ‘आवाज़-ए-ज़मीर’ हुकम सिंह ‘ज़मीर’ के 103 गजलों का संग्रह है। ज़मीर साहब पुलिस विभाग में उच्च पद पर रहते हुए भी इंसानी जिन्दगी के हर पहलू पर बड़े ही फलसफाना अंदाज में शेर कहें हैं। पुलिस सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक,…
कमसारनामाः कमसार व बार का अक्स
एम. अफसर खां सागर /कमसारनामा में सुहैल खां ने गाजीपुर के संक्षिप्त इतिहास के साथ-साथ सकरवार वंश के क्रम में यहां के भूमिहार ब्राहमणों, कमसार के पठानों और राजपूतों की चार सौ अस्सी साल के वंशावली तथा इतिहास को संकलित करने का अनूठा काम किया है। सुहैल खां ने प्रस्तुत पुस्तक मे…
पत्रकारिता में अपना कैरियर बनाइए
व्यवहारिक पत्रकारिता पर ज्यादा जोर
अखबारी पत्रकारिता पर अनेक किताबें बाजार में हैं। इन्हीं में एक किताब और जुड़ गई है- "पत्रकारिता में अपना कैरियर बनाइए"। यह बाकी से इस मायने में अलग है कि इसमें सिद्धांत पर कम अख़बारों की व्यावहारिक पत्रकारि…
ईश्वर से संवाद करती कविताएं
अमर शहीद जगदेव प्रसाद: जीवन और विचार
विस्मृत संत की खोज
समभाव के पुनर्जागरण हेतु
लेखकों के संसार में
लेखकों और समकालीन लेखन परिदृश्य को समझें -पहचानने का अवसर
कनक जैन / हिन्दी में साक्षात्कार पुरानी किन्तु उपेक्षित विधा है। साक्षात्कार आम तौर पर राजनेताओं और फ़िल्मी अभिनेताओं के ही छपते हैं। …
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- जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग की संस्कृति को प्रोत्साहित करें मीडिया संगठन: राष्ट्रपति मुर्मु
- शोध क्षेत्र में प्रिंट, सिनेमा, टेलीविजन तथा डिजिटल मीडिया तकनीक महत्वपूर्ण: प्रो. गोविंद जी
- रचनात्मकता, मीडिया और प्रौद्योगिकी का संगम दुनिया के मीडिया परिदृश्य को बदल रहा है: अश्विनी वैष्णव
- सरकारी योजनाओं की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही जनता तक पहुँचती है
- संस्मय को मिला अंतरराष्ट्रीय एक्सीलेंस अवॉर्ड
- भाषा की शुद्धता भी डिजिटल मीडिया की बड़ी नैतिक जिम्मेवारी
- एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित हुए मीडिया सितारे
- तमिल पत्रिका की वेबसाइट बहाल करने का केंद्र को निर्देश
- एक ही मीडिया हाउस के हिंदी व अंग्रेजी पत्र
- पीसीआई साहित्य महोत्सव से पत्रकारिता-साहित्य के बीच रिश्ते मजबूत
- समागम’ पत्रिका के रजत जयंती वर्ष पर राष्ट्रीय संगोष्ठी अप्रैल में
- आईआईएमसी का दीक्षांत समारोह 4 को
- डॉ. अंबेडकर और 'अलेस'
- फिल्म निर्माताओं और एनिमेटरों के लिए विशेष मास्टरक्लास
- पत्रकारिता की महत्वपूर्ण विधा है फ़ोटो पत्रकारिता: प्रो. संजय
- आंचलिक पत्रकार संघ का संभागीय सम्मेलन 9 को
- तकनीक के साथ पत्रकारिता से जुड़े नियम-कानून की जानकारी भी जरुरी
- सूफी गायक अमित सिंह को बनाया गया डब्ल्यूजेएआई का ब्रांड एंबेसडर
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रवि अहिरवारJanuary 6, 2025
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पंकज चौधरीDecember 17, 2024
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Anurag yadavJanuary 11, 2024
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सुरेश जगन्नाथ पाटीलSeptember 16, 2023
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Dr kishre kumar singhAugust 20, 2023
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Manjeet SinghJune 23, 2023
सम्पादक
डॉ. लीना