रजनीश कुमार झा/ अखबारों में नम्बर वन के होड़ में छीछालेदर राजस्थान से शुरू हुआ जहां बाकायदा राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर संपादकीय पन्ना में आरोप प्रत्यारोप के साथ एक दूसरे पर जम कर कीचड़ उछाला। बाद में दिल्ली में टाईम्स ऑफ इंडिया और हिंदुस्तान टाईम्स ने भी इस कड़ी को बरकरार रखते हुए अपने अपने प्रधान संपादक से संपादकीय लिखवा एक दूसरे की फजीहत की, अब बिहार में दैनिक हिन्दुस्तान नम्बर वन होने के दावे के साथ इस उपलब्धि को पहले पन्ने का खबर बना प्रतिद्वंद्वी अख़बार पर निशाना साध रहा है, अखबारी मंडी में उगाही की लड़ाई में शीर्ष पर जाने की ढोंग हो या प्रतिद्वंद्वी अख़बार को कमतर साबित करना, अब अख़बार उत्पाद की तरह श्रेष्ठता के विज्ञापनीय खबर के साथ मंडी में है। खबर मिले ना मिले लेकिन इसी नम्बर वन के बहाने संपादक से लेकर ब्यूरो प्रभारी तक को उगाही के धंधे में तो लगाया ही जा सकता है।
अखबारी नूरा कुश्ती, खबर और मंडी में मिडिया।