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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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मास मीडिया को बड़े स्तर पर नियंत्रित किया जा रहा: महुआ मोइत्रा

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा लोकसभा में दिये अपने पहले भाषण से ही पूरे देश में चर्चित हो गयी हैं। इस भाषण में वह  हमलावर दिखीं। भाषण में वे कई मुद्दों के साथ आज की मीडिया की स्थिति पर भी बोलीं। अंग्रेज़ी में दिये गये उनके इस सम्पूर्ण भाषण का वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र दुबे ने हिंदी में अनुवाद किया है।

उनके भाषण का एक अंश- मास मीडिया को बड़े स्तर पर नियंत्रित किया जा रहा है। देश के सबसे बड़े पांच न्यूज मीडिया संस्थान आज या तो अप्रत्यक्ष रूप से कंट्रोल किए जा रहे हैं या वो एक व्यक्ति के लिए समर्पित हैं। टीवी चैनल्स अपने एयरटाइम का ज्यादातर हिस्सा सत्ताधारी पार्टी के लिए प्रोपगेंडा में खर्च कर रहे हैं। सारे विपक्षी दलों की कवरेज काट दी जाती है। सरकार को रेकॉर्ड्स देने चाहिए कि मीडिया संस्थानों को विज्ञापन देने में कितना रुपया खर्च किया है उन्होंने। किस चीज़ के विज्ञापन पर कितना खर्च किया गया। और किन मीडिया संस्थानों को विज्ञापन नहीं दिए गए।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 120 से ज्यादा लोगों को बस इसलिए नौकरी पर रखा है कि वो रोज़ाना टीवी चैनलों पर आने वाले कार्यक्रमों पर नज़र रखें। इस बात को सुनिश्चित करें कि सरकार के ख़िलाफ़ कोई ख़बर न चले। फेक न्यूज़ तो आम हो गया है। ये चुनाव सरकार के कामकाज या किसानों की स्थिति और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों पर नहीं लड़ा गया। ये चुनाव लड़ा गया वॉट्सऐप पर, फेक न्यूज पर, लोगों को गुमराह करने पर। ये सरकार जिन ख़बरों को बार-बार दोहराती है, हर ख़बर जो आप देते हैं, आपके सारे झूठ, आप उन्हें इतनी बार दोहराते हैं कि वो सच बन जाते हैं। कल कांग्रेस पार्टी के नेता ने यहां कहा कि बंगाल में कोऑपरेटिव मूवमेंट नाकामयाब रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहूंगी कि वो तथ्यों की दोबारा जांच करें। वो मुर्शिदाबाद के जिस भागीरथी कोऑपरेटिव का ज़िक्र कर रहे थे, वो लाभ में है। मैं ये कहना चाहती हूं कि हम जितनी भी ग़लत जानकारियां देते हैं, वो सब इस देश को बर्बाद कर रही हैं।

(फेसबुक से साभार)

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पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना