यूजीसी के निदेशक प्रो. जे बी नड्डा ने कालेज आफॅ कामर्स में पत्रकारिता विभाग के नए स्टूडियो का भी किया उद्घाटन
पटना/ शैक्षणिक संचार संकाय यूजीसी के निदेशक प्रो. जे बी नड्डा ने कहा है कि नई शिक्षा नीति मूलतः भारतीय शिक्षा नीति है और उसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान सकल नामांकन अनुपात सत्ताईस दशमलव पांच प्रतिशत को वर्ष 2035 तक पचास प्रतिशत करना है। वह सोमवार को कालेज आफॅ कामर्स में प्रो एन एल नड्डा वाणिज्य भवन और पत्रकारिता विभाग के नए स्टूडियो का उद्घाटन कर रहे थे। इस भवन का निर्माण विधान पार्षद प्रो राजेंद्र गुप्ता द्वारा मुख्यमंत्री विकास योजना के तहत कराया गया है। इस अवसर पर 'भारत में उच्च शिक्षा :आज के परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन' विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित करते हुए प्रो नड्डा ने कहा नई शिक्षा नीति में छात्रों के विकास और सुविधाओं तथा मल्टी एंट्री, मल्टी एग्जिट पालिसी पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का मुख्य काम विलुप्त संस्कृति और संस्कारों को डिजिटल माध्यम से संरक्षित कर पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि बच्चा अपनी मातृभाषा में जल्दी सीखता है इसलिए नई शिक्षा नीति में सभी डिजिटल सामग्रियों को स्थानीय भाषा में परिवर्तित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान पार्षद प्रो राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अपने क्षेत्रीय विकास योजना से प्रो एन एल नड्डा के नाम पर भवन का निर्माण करा कर उन्होंने गुरु शिष्य परम्परा का निर्वाह किया है। उन्होंने कहा कि कि मुझे गर्व है कि मैं उनका शिष्य रहा हूँ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो तपन कुमार शान्डिल्य ने नई शिक्षा नीति को राष्ट्र हित में बताते हुए कहा कि इस नई नीति से छात्रों को काफी लाभ होगा साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। अतिथियों का स्वागत कामर्स की विभागाध्यक्ष प्रो पद्मिनी प्रसाद ने किया जबकि मंच संचालन प्रो आनंद मूर्ति पांडे और धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनिता दास ने किया। इस पर अन्य लोगों के अलावा प्रो एम पी सिंह, प्रो इम्तियाज हसन, प्रो. अनिल कुमार ठाकुर, प्रो सलोनी कुमार, प्रो संतोष कुमार, डॉ मनोज कुमार, प्रो कुमार चन्द्रदीप, प्रो राजेंद्र और जे पी यादव समेत बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र छात्राएँ उपस्थित थे।