आचार्य शिव पूजन सहाय का 125 वां जयंती समारोह मनाया गया
पटना/ पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गुलाब चंद राम जयसवाल ने कहा कि साहित्य व पत्रकारिता के क्षेत्र में रचनात्मक लेखन के लिए बिहार की जो पहचान है उसकी बुनियाद आचार्य शिवपूजन सहाय के व्यक्तित्व की देन है। वे गुरूवार को आचार्य शिव पूजन सहाय की 125 वीं जयंती के अवसर पर कालेज ऑफ़ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइंस, पटना के हिन्दी विभाग और आचार्य शिव पूजन सहाय न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महामना पंडित मदनमोहन मालवीय और आचार्य शिव पूजन सहाय में काफी समानताएं हैं दोनों का जीवन अभाव ग्रस्त रहा है लेकिन इन सब के बावजूद दोनों महापुरुषों ने अपने साहित्य और दर्शन से समाज को नई दिशा दी है। प्रो. जायसवाल ने शिक्षकों से शिव पूजन सहाय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर नये सिरे से शोध करने का आग्रह किया ताकि उनके साहित्यिक जीवन के नये और अनछुए पहलू सामने आ सकें।
समारोह को संबोधित करते हुए पद्मश्री डॉ उषा किरण खान ने आचार्य शिवपूजन सहाय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को शिवपूजन सहाय के व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रधानाचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि आचार्य शिव पूजन सहाय ने अपनी लेखनी और सम्पादन से समाज को भाषा, विशेष रूप से आंचलिक भाषा के प्रति लोगों में जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए शिक्षकों को आगे आने की जरूरत है।
समारोह में आचार्य शिव पूजन सहाय के पुत्र प्रो. मंगल मूर्ति ने कहा कि विश्वविद्यालयों में साहित्यकारों और कलाकारों का सब से अधिक सम्मान होना चाहिए।
पूर्व शिक्षा सचिव विजय प्रकाश ने आचार्य शिवपूजन सहाय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका संस्मरण हिन्दी साहित्य की वहुमूल्य सम्पदा है।
इस से पहले हिन्दी के विभागाध्यक्ष प्रो. दिनेश प्रसाद सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा साहित्यकार रामधारी सिंह दिवाकर, बंधु कुशावरत्ति, भावना शेखर, प्रो. अरूण कुमार झा, हिन्दी की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. कुमारी लक्ष्मी, प्रो. कंचना सिंह, प्रो. श्रीकांत, कुलानुशासक डॉ. मनोज कुमार समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्रायें उपस्थित थे। मंच का संचालन डॉ. बिनोद कुमार मंगलम ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. नीलिमा सिंह ने किया।