नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
शिवशंकर मेनन ने कहा है कि देश में कंप्यूटर नेटवर्क और सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए
सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करेंगे। ऐसा करते समय लोगों की
लोकतांत्रिक स्वतंत्रता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने संयुक्त कार्यदल की रिपोर्ट जारी करने के बाद कल नई दिल्ली में कहा कि केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र में से कोई भी अकेले साइबर सुरक्षा का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता है । उन्होंने साफ कहा कि सोशल मीडिया पर पिछले दिनों भ्रम फैलाने की घटनाओं को देखते हुए साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता है। इसे देखते हुए सरकार ने साइबर सुरक्षा के काम में निजी क्षेत्र को शामिल करने के लिए संयुक्त कार्यदल बनाने का फैसला किया था।
यह दल राष्ट्रीय उप सुरक्षा सलाहकार लता रेड्डी की अध्यक्षता में काम कर रहा है। इस दल ने सिफारिश की है कि निजी क्षेत्र को विभिन्न उद्योगों में सूचना आदान-प्रदान और विश्लेषण केंद्र बनाने चाहिए। संयुक्त कार्यदल का सुझाव है कि कानून लागू करने वाली एंजेसियों को साइबर अपराध जांच और साइबर फॉरेंसिक का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। कार्यदल के मुताबिक भारत के साइबर सुरक्षा व्यवसायियों के एक संस्थान की स्थापना और आपसी सहयोग के जरिए लोगों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने की भी आवश्यकता है।