
तारकेश कुमार ओझा/ समय, पहर या दिन कैसे बीत जाते हैं पता ही नहीं चलता। अब देखिए देखते - देखते एक सप्ताह बीत गया। इस बीच हमने शांति की तलाश में भटक रही दुनिया को और अशांत होते देखा। आतंकवाद और कट्टरतावाद का दावानल उन देशों तक भी पहुंच गया, जो अब तक इससे अछूते थे। राष…

























