संजय कुमार/ संविधान निर्माता और बहुजनों के मसीहा डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर महान एवं जुझारू पत्रकार भी थे। डॉ. अम्बेडकर ने ‘मूकनायक’ पाक्षिक अखबार के जरिये 31 जनवरी 1920 को सामाजिक क्रांति का जो बीज, पत्रकारिता की दुनिया में बोया था वह अम्बेडकरी पत्रकारिता़ के से जाना जाता है। मुख्य…
Blog posts : "feature"
डॉ.अम्बेडकर की पत्रकारिता आज भी प्रासंगिक
पत्रकारिता ने चलाया गो-संरक्षण का आंदोलन
पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती, 4 अप्रैल पर विशेष
लोकेन्द्र सिंह/ पंडित माखनलाल चतुर्वेदी उन विरले स्वतंत्रता सेनानियों में अग्रणी हैं, जिन्होंने अपनी संपूर्ण प्रतिभा को राष्ट्रीयता के जा…
घिबली व एनीमे: जापानी 'कल्चरल सुपरपावर’ से भारत को सीख
सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा... स्टूडियो घिबली जापान की एनीमे इंडस्ट्री का एक प्रमुख स्तंभ
शिवेश प्रताप/ अचानक ही घिबली (Ghibli) क…
मीडिया साक्षरता से ही संचार क्षमता विकसित होगी
अंकित तिवारी / आज जिस तरह से डिजिटल फ्रॉड, फेक न्यूज, की घटनाओं में रोज इजाफा हो रहा है, यह हम सभी के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर आया है। ऐसे में जरूरी है की भारत में भी मीडिया साक्षरता के प्रति लोगो में जागरूकता होनी चाहिए। आमतौर पर साक्षरता कहने का मतलब लिखने पढ़ने की क्षमता से …
सरदार पटेल ने आजाद भारत में आजाद मीडिया की रखी थी नींव
वे भारत के पहले सूचना और प्रसारण मंत्री भी थे
संजय कुमार/ लौहपुरुष का जिक्र आते ही जेहन में सरदार वल्लभभाई झावरभाई पटेल का नाम सामने आता है। विश्व पटल पर ‘सरदार पटेल’ के नाम से चर्चित भारतीय राष्ट्रीय आन्…
हिंदी : राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा
हिंदी दिवस (14 सितंबर पर विशेष)
प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी/ एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज औ…
प्रसार भारती का पीबी-शब्द एक व्यापक समाचार साझाकरण सेवा
‘पीबी-शब्द’ के माध्यम से समाचार सामग्री लोगो-मुक्त और क्रेडिट की आवश्यकता नहीं, मीडिया संगठनों के लिए साइन अप और उपयोग करने के लिए मार्च 2025 तक निःशुल्क…
पं.माधवराव सप्रे: हिंदी के विस्मृत महानायक
26 वर्षों की उनकी पत्रकारिता और साहित्य सेवा ने मानक रचे
(153 वीं वर्षगांठ (19 जून) पर विशेष)
प्रो. संजय द्विवेदी/ पंडित माधवराव स…
मीडिया के लिए ‘वॉचडॉग’ की भूमिका में सोसायटी
हिन्दी पत्रकारिता दिवस (30 मई ) पर विशेष
प्रो. मनोज कुमार/ पत्रकारिता के इतिहास में हमें पढ़ाया और बताया जाता है कि पत्रकारिता सोसायटी के लिए ‘वॉच डॉग’ की भूमिका में है लेकिन बदलते समय में अब सोसायटी पत्रकारिता…
‘यह सुधार-समझौतों वाली मुझको भाती नहीं ठिठोली’
माखनलाल जी की जयंती पर विशेष (4 अप्रैल)
-प्रो. (डा.) संजय द्विवेदी/ पं. माखनलाल चतुर्वेदी और उनकी संपूर्ण जीवनयात्रा, आत्मसमर्पण के खिलाफ लड़ने वाले संपादक की यात्रा है। रचना और संघर्ष की भावभूमि पर खड़ी…
नागर समाज से समुदाय का रेडियो
13 फरवरी,विश्व रेडियो दिवस पर विशेष
मनोज कुमार/ कभी नागर समाज के लिए प्रतिष्ठा का प्रतीक होने वाला रेडियो आज समुदाय के रेडियो के रूप में बज रहा है। समय के विकास के साथ संचार के माध्यमों में परिवर्तन आया है और उनके समक्ष विश्व…
वेब पत्रकारिता ने महिलाओं के लिए खोले हैं संभावनाओं के दरवाजे
डॉ. लीना/ हेमंत कुमारी देवी वर्ष 1888 में इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका- ‘सुगृहिणी’ की संपादक बनी थीं। जब देश अंग्रेजी हुकुमत के फंदे में था और महिलाओं में निरक्षरता बहुत ज्यादा थी, यहां तक कि अच्छे घरों की महिलाओं में भी साक्षरता की कमी थी, ऐसे में किसी महिला का आगे…
डिजिटल क्रांति से हिंदी को मिली नई पहचान
हिंदी दिवस (14 सितंबर) पर विशेष
प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी/ मातृभाषा वैयक्तिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का बोध कराती है। समाज को स्वदेशी भाव-बोध से सम्मिलित कराते हृए वैश्विक धरातल पर राष्ट्रीय स्वाभिमान की विशिष्ट पहचा…
सकारात्मक पत्रकारिता, सकारात्मक भारत
प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी/ भारत एक अनोखा राष्ट्र है, जिसका निर्माण विविध भाषा, संस्कृति, धर्म, अहिंसा और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित स्वतंत्रता संग्राम तथा सांस्कृतिक विकास के समृद्ध इतिहास द्वारा एकता के सूत्र में बाँध कर हुआ है। एक साझा इतिहास के बीच आपसी समझ…
बाबा साहेब ने पत्रकारिता को बताया सामाजिक न्याय का माध्यम
लोकेन्द्र सिंह/ बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर का व्यक्तित्व बहुआयामी, व्यापक एवं विस्तृत है। उन्हें हम उच्च कोटि के अर्थशास्त्री, कानूनविद, संविधान निर्माता, ध्येय निष्ठ राजनेता और सामाजिक क्रांति एवं समरसता के अग्रदूत के रूप में जानते हैं। सामाजिक न्याय के लिए उनके …
इक अखबार बिन सब सून
29 जनवरी पर विशेष
मनोज कुमार/ भारत का संविधान पर्व दिवस 26 जनवरी जनवरी को परम्परानुसार अखबारों के दफ्तरों में अवकाश रहा लिहाजा 27 जनवरी को अखबार नहीं आया और इक प्याली चाय सूनी-सूनी सी रह गयी. 28 तारीख को वापस चाय की प्याली में ताजगी आ गयी क्योंकि अखबा…
पत्रकारिता के पारस 'रमेश नैयर'
प्रो. संजय द्विवेदी/ उच्च स्तरीय पत्रकारिता की बात चले या पत्रकारिता के मानक मूल्यों की, हमें ऐसे बहुत कम लोग याद आते हैं, जिन्होंने इन्हें बचाने-बढ़ाने के लिए पूरे मनोयोग व समर्पण भाव के साथ काम किया। समकालीन हिंदी पत्रकारिता के ऐसे ही सशक्त हस्ताक्षरों में स…
न्यू इंडिया के निर्माण के लिए नेताजी के विजन को अपनाने की जरुरत : विक्रम दीश
भारतीय जन संचार संस्थान में 'शुक्रवार संवाद' कार्यक्रम का आयोजन
नई दिल्ली,/ "भारत के लोगों के मन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक अलग स्थान है। भारत की सभ्यता और संस्कृति से प…
स्वामी विवेकानंद ने समाचारपत्रों को बनाया वेदांत के प्रसार का माध्यम
लोकेन्द्र सिंह / स्वामी विवेकानंद सिद्ध संचारक थे। उनके विचारों को सुनने के लिए भारत से लेकर अमेरिका तक लोग लालायित रहते थे। लेकिन हिन्दू धर्म के सर्वसमावेशी विचार को लेकर स्वामीजी कहाँ तक जा सकते थे? मनुष्य देह की एक मर्यादा है। भारत का विचार अपने वास्तविक एवं उदात्त रूप …
दूरदर्शन: समाचार, संस्कार व संतुलन की पाठशाला
15 सितंबर 1959 को शुरू हुआ था दूरदर्शन
डॉ. पवन सिंह/ दूरदर्शन, इस एक शब्द के साथ न जाने कितने दिलों की धड़कन आज भी धड़कती है। आज भी दूरदर्शन के नाम से न जाने कितनी पुरानी खट्टी-मिट्ठी यादों का पिटारा हमारी आँखों के सामने आ जाता …
नवीनतम ---
- कुछ खबरें हमारे मेन मीडिया से बिल्कुल गायब हैं
- आई टी एक्ट से नियमित-नियंत्रित होती है वेब पत्रकारिता
- डिजिटल और वेब मीडिया ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत
- डॉ अंजनी की रिसर्च परियोजना को आईसीएसएसआर की स्वीकृति
- डॉ.अम्बेडकर की पत्रकारिता आज भी प्रासंगिक
- पत्रकारिता के माध्यम से बाबा साहेब ने की वैचारिक क्रांति: प्रो.संजय द्विवेदी
- बेस्ट ऑफ बस्ती अवार्ड्स से सम्मानित हुए प्रो.संजय द्विवेदी
- एमसीयू में व्याख्यान एवं प्रतिभा 2025 का आरंभ
- पत्रकारिता ने चलाया गो-संरक्षण का आंदोलन
- एआई से आएगी मीडिया उद्योग में क्रांति: प्रो.संजय द्विवेदी
- घिबली व एनीमे: जापानी 'कल्चरल सुपरपावर’ से भारत को सीख
- वेव्स 2025 के लिए मीडिया प्रतिनिधियों का पंजीकरण आरंभ
- मीडिया साक्षरता से ही संचार क्षमता विकसित होगी
- पत्रकारों की अभिव्यक्ति के अधिकार निर्बाध नहीं
- भाषा और भारतीयता की चिंता आवश्यक: प्रो. द्विवेदी
- ग्लेशियरों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक
- हिन्दी गौरव अलंकरण समारोह कल
- जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग की संस्कृति को प्रोत्साहित करें मीडिया संगठन: राष्ट्रपति मुर्मु
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foo barMarch 2, 2025
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रवि अहिरवारJanuary 6, 2025
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पंकज चौधरीDecember 17, 2024
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Anurag yadavJanuary 11, 2024
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सुरेश जगन्नाथ पाटीलSeptember 16, 2023
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Dr kishre kumar singhAugust 20, 2023
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Manjeet SinghJune 23, 2023
सम्पादक
डॉ. लीना