पटना / एक अख़बार के स्थानीय सम्पादक को, पूरी सम्पादकीय टीम को, उसके संवाददाताओं को, फलानों ढिमकानों को, पूरे दिनभर या उससे पहले के भी कुछ दिनों में लालबहादुर शास्त्री जी याद नहीं आते !
और यह , अख़बार के लिए महज एक भूल सुधार है ? @ दैनिक भास्कर, पटना . 3 अक्तूबर 2019 ....