द टर्बुलेंट इयर्स-का दूसरा खंड
नयी दिल्ली । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों के दूसरे खंड द टर्बुलेंट इयर्स-1980-1996 का उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह के दौरान विमोचित यह पुस्तक श्री मुखर्जी के संस्मरणों पर आधारित पुस्तक का दूसरा संस्करण है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह 1980 और 1990 के दशक में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साक्षी रहे और इनमें से वह स्वयं कई घटनाओं का हिस्सा रहे। इस अवसर पर श्री मुखर्जी ने उन्होंने बताया कि उनके संस्मरण पर आधारित पहली पुस्तक ‘द ड्रामैटिक डिकेड’ 11 दिसम्बर 2014 को आई थी और उन्होंने उस वक्त वादा किया था कि दूसरा संस्करण एक साल के भीतर आ जाएगा, लेकिन उन्हें खेद है कि वह अपने चहेते पाठकों से किया वादा पूरा नहीं कर पाए। राष्ट्रपति ने कहा कि वह खुद को बहुत ही खुशनसीब मानते हैं कि वह अस्सी और नब्बे के दशक के कुछ खास घटनाक्रमों का गवाह बने या उनमें खुद शामिल रहे। यह पुस्तक उन्हीं घटनाक्रमों के संस्मरणों पर आधारित है। उन्होंने कहा, ‘‘नित्य प्रति डायरी लिखने की मेरी पुरानी आदत रही है और इस पुस्तक में मैंने उन्हीं डायरियों के पन्नों से संस्मरण लिये हैं।‘’ इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री अंसारी ने कहा कि यह पुस्तक हमारे समकालीन इतिहास का दस्तावेज साबित होगी। पुस्तक विमोचन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार चंदन मित्रा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्यपाल कर्ण सिंह भी उपस्थित थे।