इसे 'लघुशंका काल ' भी कह सकते !
निर्मल रानी/ देश इन दिनों बड़े ही अजीबो-ग़रीब दौर से गुज़र रहा है। मुख्यधारा का भारतीय मीडिया जो सत्ता के समक्ष 'षाष्टांग दंडवत ' हो चुका है। देश के लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पुकारा जाने वाला भारतीय मीडिया अब 'गोदी मिडिया' कहकर सम्बोधित किया जाने लगा है। पूरे विश्व की निगाहें इस समय उस चाटुकार भारतीय मीडिय…