पत्र सूचना कार्यालय के अंतर्गत आने वाली यह यूनिट सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की चुनौती से निपटने के लिए
भारत सरकार ने आज सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के अंतर्गत आने वाली फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) को केन्द्र सरकार की तथ्य जांच इकाई के रूप में अधिसूचित किया।
आज जारी एक राजपत्र अधिसूचना में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 के नियम 3 के उप-नियम (1) के उप-खंड (v) के प्रावधानों के तहत पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट चैक यूनिट को अधिसूचित किया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय विशेष रूप से सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की चुनौती से निपटने के लिए इस विषय पर मिलकर कार्य कर रहे हैं।
पत्र सूचना कार्यालय के अंतर्गत आने वाली फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना नवंबर 2019 में फर्जी समाचारों और भ्रामक सूचनाओं का प्रचार और प्रसार रोकने से निपटने के रूप में कार्य करने के उद्देश्य के साथ की गई थी। यह यूनिट भारत सरकार के विरूद्ध किसी भी तरह की संदिग्ध और संदेहास्पद जानकारी को लोगों के समक्ष स्पष्ट और सही तरीके से प्रस्तुत करने का एक सरल माध्यम भी है।
फैक्ट चेक यूनिट को सरकारी नीतियों, पहलों और योजनाओं पर स्वत: संज्ञान या शिकायतों के माध्यम से भ्रामक अथवा गलत सूचनाओं को उजागर करते हुए सही जानकारी प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। फैक्ट चेक यूनिट सक्रिय रूप से दुष्प्रचार अभियानों की निगरानी करने के साथ-साथ उनका पता लगाते हुए यह सुनिश्चित करता है कि सरकार के बारे में किसी भी तरह की गलत अथवा भ्रामक जानकारी को शीघ्र उजागर करते हुए सही और सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट चैक यूनिट के लिए नागरिक व्हाट्सएप (+918799711259), ईमेल (pibfactcheck[at]gmail[dot]com), ट्विटर (@PIBFactCheck) और पीआईबी की वेबसाइट (https://factcheck.pib.gov.in/) जैसे विभिन्न माध्यमों से पहुंच सकते हैं। किसी भी तरह के संदिग्ध संदेश अथवा भ्रामक खबर की जानकारी देने के लिए नागरिकों के लिए फैक्ट चेक यूनिट का व्हाट्सएप हॉटलाइन नंबर एक उपयोगी साधन है जहां इस तरह के किसी भी संदिग्ध संदेश को फॉरवर्ड करना होता है।
पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट चेक यूनिट ने दिव्यांग व्यक्तियों तक तथ्य-जांच की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। चूंकि छवियां सोशल मीडिया का एक प्रमुख हिस्सा हैं, इसलिए विषय-वस्तु की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 'वैकल्पिक पाठ' (एएलटी) प्रदान करना अनिवार्य होता जा रहा है। पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट चेक यूनिट अपने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम हैंडल पर प्रसारित सभी पोस्ट के साथ वैकल्पिक विषय-वस्तु भी प्रदान करती है।