साभार/ लड़ाई धर्म की है ही नहीं, लड़ाई तो बाजार की है। एक अखबार है दैनिक जागरण वह हिन्दी में खबर प्रकाशित करता है कि कठुआ में दुष्कर्म नही हुआ, उसी अखबार का उर्दू संस्करण इंक्लाब उर्दू में कठुआ की वह रिपोर्ट प्रकाशित करता है जो फारेंसिक लैब ने सौंपी है। हिन्दी अखबार अपने ‘हिन्दू’ बाजार पर …
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लड़ाई तो बाजार की है
छोटे और मध्यम अखबारो के लिए कठिन समय
छोटे अखबारों को बचाने लिए हो सरकार की पॉलिसी
आज़ादी के 70 साल बाद अभी वर्तमान समय में छोटे और मध्यम अखबारों के लिए सबसे कठिन समय है। सरकार की डीएवीपी पाॅलिसी 2016 और जीएसटी के कारण 90 फीसदी अखबार बंद होने के कगार पर हैं, या …
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