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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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Blog posts : "पत्रिका "

अपने तेवर पर कायम जन मीडिया

संचार व पत्रकारिता के सही मायनों से रूबरू कराता, पूरी की दस साल की यात्रा

डॉ. लीना/ संचार और पत्रकारिता की शोध पत्रिका जन मीडिया ने अपने तेवर और सोच को बरकरार रखते हुए …

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रेडियो प्रसारण का निजीकरण

जन मीडिया का अक्टूबर, 2021 अंक

डॉ लीना/ संचार, माध्यम और पत्रकारिता की पूर्व समीक्षित मासिक पत्रिका जन मीडिया ने अपने खास अंदाज और तेवर के साथ अक्टूबर 2021 के अंक में कई महत्वपूर्ण विषयों को खंगालने का प्रयास किया है।…

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समागम के 19 वर्ष पूर्ण

पत्रिका का नया अंक ‘शब्द सत्ता की शताब्दी’

भोपाल। पंडित माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा संपादित ‘कर्मवीर’ के प्रकाशन के सौ वर्ष 17 जनवरी को पूर्ण हो रहा है और 31 जनवरी को डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा प्रकाशित-सम्पादित पत्रिक…

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सचमुच जन मीडिया की ही वकालत

'जन मीडिया' का जनवरी 2020 अंक

डॉ लीना/ 'जन मीडिया',  जनवरी 2020 का अंक काफी खास है। “हमारा समाज, हमारा शोध” पंचलाइन के साथ सालों से हर महीने प्रकाशित होने वाले 'जन मीडिया' के इस अंक में कश्मीर  मुद्दा, टीवी चैनलों को सेल्फ सेंसरशिप, बीबीसी के शार्ट …

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‘अक्करमाशी’ के अपराधी को भी दंडित करवाएं चित्रा मुद्गल

'कादम्बिनी' पत्रिका के दिसंबर' 2019 अंक में लेखिका चित्रा मुद्गल के आवरण कथा पर कैलाश दहिया की टिप्पणी   

कैलाश दहिया / …

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सामाजिक न्याय की वकालत करता "हम बहुजन"

पत्रिका "हम बहुजन" का प्रवेशांक सितंबर 2019

डॉ लीना/ सामाजिक , शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक पत्रिका "हम बहुजन" का प्रवेशांक सितंबर 2019, मौजूदा भारत, संवैधानिक अधिकार  (आरक्षण) और बहुजन समाज को लेकर पाठकों के बीच आया है। हम बहुज…

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अविश्वसनीयता की खबर में मीडिया प्रचारक दिखता है

जन मीडिया का दिसंबर अंक

लीना/ जन मीडिया का 93वां अंक में,  अध्ययन के तहत 'नोटबंदी और प्रॉपर्टी खरीदने बेचने के विज्ञापनों का अध्ययन' किया है संदीप भट्ट और कपिल देव प्रजापति ने। जबकि रजनीश ने  'राखीगढ़ी डीएनए की जानकारी की खबरें: एक प्रचार अभियान' के …

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विलक्षण था बा और बापू का साथ

समागम पत्रिका का अक्टूबर 2019 अंक महात्मा गांधी को समर्पित

संजय कुमार / महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष समारोह की धूम हर और सुनाई पड़ रही है. सरकारी और गैरसरकारी संगठनें बापू की 150वीं…

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रिसर्च जर्नल ‘समागम’ का अक्टूबर अंक गांधी साद्र्धशती पर

आलेख भेजने का आग्रह

भोपाल / महात्मा गांधी के जन्म के डेढ़ सौ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर भोपाल से प्रकाशित रिसर्च जर्नल ‘समागम’ का अक्टूबर अंक ‘गांधी साद्र्धशती’ पर केन्द्रित होगा. लगभग 100 पृष्ठों का यह विशेष अंक महात्मा के विविध आयामों पर केन्द्रित होगा.…

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तेलुगु मीडिया पर केंद्रित है मीडिया विमर्श का नया अंक

भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता में अंतरसंवाद और समन्वय के उद्देश्यों से मीडिया विमर्श भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता पर शोधपरक सामग्री देने का प्रयास अपने जन्म से ही कर रही है। मीडिया विमर्श ने उर्दू पत्रकारिता और गुजराती पत्रकारिता के बाद तेलुगु मीडिया पर केंद्रित विशेषांक का प्रकाशन किया है।…

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समागम का नया अंक बैरागी पर

समागम का जून अंक बाल कवि बैरागी पर केन्द्रित है। इस शोध पत्रिका के सम्पादक मनोज कुमार बताते हैं कि देश के सुपरिचित कवि एवं प्रतिष्ठित राजनेता बालकवि बैरागी अचानक हमारे बीच में नहीं रहे। यह हमारे लिए गहरा आघात है। जाने कब और कैसे हम उनसे जुड़ गए, खबर ही नहीं हुई। ऐसा अपना…

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‘समागम’ का नया अंक रेडियो पर

आकाशवाणी की सिग्नेचर ट्यून, किसने, कब बनाई शायद आपको ना मालूम हो, आप तो शायद यह भी भूल गए होंगे कि बिनाका गीत माला और सिबाका गीत माला बाद के दिनों में सिबाका-कॉलेगेट गीतमाला के नाम से प्रसारित होता था. कुछ ऐसी ही अनुछुई और भूल चुके यादों को साथ लेकर आया है रिसर्च जर्नल ‘समागम’ का नया अंक ‘रेडियो की …

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‘समागम’ पत्रिका 18वें वर्ष में

भोपाल। रिसर्च जर्नल ‘समागम’ ने अपने निरंतर प्रकाशन के 17 वर्ष पूर्ण कर लिया है. 17वें साल का आखिरी अंक जनवरी-2018 का महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज एवं विवेकानंदजी के शिकागो भाषण के सवा सौ साल पूर्ण होने पर केन्द्रित है. फरवरी 2018 में ‘समागम’ रेडियो पर केन्द्रित होगा और यह अंक 18वें वर्ष…

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"समागम" जीवनभर, मात्र 15सौ में

भोपाल/ शोध पत्रिका समागम फरवरी 2018 में 18वे साल में प्रवेश कर रही है। पत्रिका के सम्पादक मनोज कुमार ने बताया कि इस अवसर पर लाइफ मेम्बरशिप 3000 रुपये के स्थान पर मात्र 1500 में दिया जाएगा। साथ में दो मानक स्तर के शोध पत्र का प्रकाशन भी किया जाएगा। समागम यूजीसी से एएप्रूव्ड रिसर्च जर्नल है।…

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लोकसंस्कृति विशेषांक है साहित्य अमृत का नया अंक

नयी दिल्ली/ हिन्दी साहित्य की प्रख्यात पत्रिका ‘साहित्य अमृत’ के इस माह लोकसंस्कृति विशेषांक में देश में करीब 36 क्षेत्रों की लोकसंस्कृतियों को अनूठे ढंग से संग्रहीत किया गया है तथा इसके साथ एक-डेढ़ सदी पहले प्रवासियों के साथ विश्व के अनेक भागों में फैली भारतीय संस्कृति और 1947 में…

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समागम’ का जून अंक नर्मदा नदी पर केन्द्रित

शोध पत्र एवं आलेख आमंत्रित

भोपाल/ शोध एवं संदर्भ की मासिक पत्रिका ‘समागम’ जून-2017 का अंक पर्यावरण की दृष्टि से नर्मदा नदी पर केन्द्रित है. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 144 दिनों की नमामी नर्मदे सेवा यात्रा के विभिन्न आयामों एवं पर्यावरणीय संदर्भों…

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‘समागम’ का विशेष अंक चम्पारण सत्याग्रह पर

100 साल पहले एक व्यक्ति ने चम्पारण में अलख जगायी थी. ना हाथ में लाठी-बंदूक थी और न जुबान पर कड़ुवी बोली. एक अहिंसक सत्याग्रह ने अंग्रेजी शासन को झकझोर कर रख दिया. आज इसी आंदोलन को पूरी दुनिया चम्पारण सत्याग्रह के नाम से जानती है. यह हमारी पीढ़ी के लिए गौरव की बात है कि हमें अवसर मिला है कि संसार को …

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विभोम-स्‍वर का नया अंक ऑनलाइन उपलब्‍ध

विभोम-स्‍वर का जनवरी-मार्च 2017 अंक अब ऑनलाइन उपलब्‍ध है। इस अंक में शामिल है, संपादकीय। मित्रनामा। साक्षात्कार- उषा प्रियंवदा से सुधा ओम ढींगरा की बातचीत। कहानियाँ - पुनर्जन्म प्रतिभा, छोटा-सा शीश महल अरुणा सब्बरवाल, वसंत लौट रहा है कविता विकास, किस ठाँव ठहरी है-डायन ? प्रेम गुप्ता ‘मानी’ । लघुकथाए…

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मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस पर ‘समागम’ का विशेष अंक

एक नवम्बर को मध्यप्रदेश का 61वां स्थापना दिवस है. आज से 60 वर्ष पूर्व 1956 को मध्यप्रदेश का गठन हुआ था. तब इस प्रदेश की कोई एकजाई पहचान थी तो यह कि यह प्रदेश भौगोलिक रूप से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और भारत के नक्शे में ह्दयप्रदेश के रूप में चिंहित था. हमारे मध्यप्रदेश ने हौले हौले विकास के रास…

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विभोम-स्‍वर का अक्टूबर-दिसम्बर अंक उपलब्‍ध

विभोम-स्‍वर का अक्टूबर-दिसम्बर 2016 अंक अब ऑनलाइन उपलब्‍ध है।

इस अंक में शामिल है :- संपादकीय। मित्रनामा। साक्षात्कार- कादंबरी मेहरा (सुधा ओम ढींगरा)। कहानियाँ- क्या आज मैं यहाँ होती.... (नीरा त्यागी ),…

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