Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

उर्दू के वेबसाइटों को अपडेट रखना ज़रुरी

"उर्दू भाषा के विकास में उर्दू पत्रकारिता की भूमिका" विषय पर सेमिनार का आयोजन

साक़िब ज़िया/पटना पिछले दिनों बिहार की  राजधानी पटना में "उर्दू भाषा के विकास में उर्दू पत्रकारिता की भूमिका" विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका आयोजन बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, उर्दू निदेशालय की ओर से दो दिवसीय 'जश्न-ए-उर्दू' कार्यक्रम के तहत किया गया। जश्न-ए-उर्दू कार्यक्रम के दूसरे दिन आयोजित इस सेमिनार में देश के कई वरिष्ठ पत्रकारों ने भाग लिया और उर्दू भाषा की तरक्की को लेकर अपने-अपने विचार प्रकट किए । सेमिनार में उर्दू भाषा को बढ़ावा देने में पत्रकारों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।

रोज़नामा क़ौमी तंज़ीम के मुख्य संपादक एस एम अशरफ़ फ़रीद ने कहा कि आज के दौर में उर्दू ज़बान में अख़बार निकालना आसान नहीं है, इसके बावजूद बिहार सहित देश के अन्य इलाकों से उर्दू के अख़बार और पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जा रहा है। रोज़नामा इन्क़लाब के स्थानीय संपादक अहमद जावेद ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकारी वेबसाइटों पर विज्ञापन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उर्दू भाषा में ज़रूर प्रकाशित किया जाए ताकि उर्दू पाठकों को सहूलियत हो सके। पत्रकार और शिक्षक राशिद अहमद ने उर्दू भाषा जानने वालों से अपील करते हुए कहा कि कम से कम एक अख़बार ख़रीद कर घर पर उर्दू पढ़ने का माहौल कायम करें ऐसा करने से उर्दू न पढ़ने वालों को भी ज़बान पढ़ने की ख्वाहिश जगेगी। उन्होंने कहा कि उर्दू के अख़बार और रिसाले पढ़ने में शर्म नहीं गर्व महसूस करना चाहिए । कार्यक्रम में बिहार के सबसे युवा इलेक्ट्रॉनिक पत्रकार न्यूज़ 18-उर्दू बिहार के चीफ रिपोर्टर महफूज़ आलम ने कहा कि आज की नौजवान पीढ़ी इंटरनेट से जुड़ी रहती है ऐसे में ज़रुरी है कि उर्दू ज़बान के वेबसाइट अपने आप को अपडेट रखें ताकि उर्दू भाषा और नई नस्ल का रिश्ता बरकरार रह सके।  सेमिनार में दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार सुहैल अंजुम, मुज़फ़्फ़र हुसैन सैयद, अलीगढ़ के डॉ. मुश्ताक सदफ़, पटना के डॉ.  सैयद शहबाज, फख़रुद्दीन आरफ़ी, गया के डॉ. सैयद अहमद क़ादरी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार मासूम मुरादाबादी ने उर्दू पत्रकारिता पर रौशनी डाली जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर अलीमुल्लाह हाली ने अपने विचार व्यक्त किए। सेमिनार में उर्दू निदेशालय के निदेशक इम्तियाज़ अहमद करीमी ने अतिथियों का स्वागत किया और सेमिनार में शामिल होने के लिए सभी के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकारों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में बुद्धजीवी, पत्रकारिता के छात्र और स्थानीय लोग मौजूद थे। 

तस्वीरें भी मीडियामोरचा के ब्यूरो प्रमुख साक़िब ज़िया की।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना