बिहार में टीकाकरण के लिए पत्रकार फ्रंट लाइन वर्कर घोषित, दिल्ली और झारखंड सरकार से पत्रकारों को कोरोना वारियर्स का दर्जा देने की मांग
भोपाल/ पटना/ दिल्ली/ रांची/ मध्यप्रदेश में प्रदेश के अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल किया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण में वास्तविकता को जन-जन तक पहुँचाने वाले पत्रकार भी वास्तव में कोरोना वॉरियर्स हैं। उन्होंने कहा कि अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ दिया जायेगा।
वहीं बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल कर कोविड-19 टीकाकरण कराने का निर्णय लिया गया है। बिहार सरकार की ओर से रविवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि सरकार ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी पत्रकारों के साथ जिला जनसंपर्क पदाधिकारी द्वारा सत्यापित गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 टीकाकरण के लिए फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऐसे सभी चिह्नित पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 का टीकाकरण किया जाएगा ।
कांग्रेस ने दिल्ली और झारखंड सरकार से पत्रकारों को कोरोना वारियर्स का दर्जा देने की मांग की है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. नरेश कुमार ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को आज पत्र लिखकर दिल्ली के पत्रकारों के हित में आवाज़ उठाते हुए कहा कि ये पत्रकार रात दिन जान हथेली पर रखकर काम कर रहे हैं और उन्हें कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया जाना चाहिए।
डा. कुमार ने श्री बैजल को लिखे एक पत्र में कहा कि दिल्ली सरकार को इस कोरोना काल में नौकरी गँवाने वाले पत्रकारों को बीस हज़ार प्रतिमाह आर्थिक सहयोग राशि के रूप में दिया जाए। इसके साथ ही इस महामारी में अपनी जान गँवाने वाले पत्रकार के परिजनों को दस लाख रुपया मुआवज़े के रूप में दिया जाना चाहिए। उन्होंने दिल्ली में कार्यरत पत्रकारों का वैक्सिनेशन और इलाज प्राथमिकता के आधार पर करने की मांग की।
इधर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकार से मीडियाकर्मियों को कोरोना वारियर्स का दर्जा देने के साथ ही संक्रमित हो जाने पर समुचित इलाज और निधन होने की स्थिति में आश्रित को समुचित सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग की हैं। स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही पत्रकारों का भी 50 लाख रुपये का सामूहिक बीमा होना चाहिए। पार्टी की ओर से इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वित्तमंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव से यथाशीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया गया है।