Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

याद किए गए जेम्स हिक्की

मौलाना मजहरुल हक़ अरबी एवं फ़ारसी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग में भारतीय समाचारपत्र दिवस आयोजित

पटना/ "भारत में प्रेस पर बहुत महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है, सरकार और समाज को जवाबदेह बनाने हेतु समाचारपत्र को अपनी भूमिका का ईमानदारी से निर्वाह करना चाहिए" यह बात आज, 29 जनवरी 2024 को मौलाना मजहरुल हक़ अरबी एवं फ़ारसी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित भारतीय समाचारपत्र दिवस पर मुख्य अतिथि कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार ने कही.

29 जनवरी को जेम्स हिक्की द्वारा भारत का प्रथम समाचारपत्र बंगाल गजट प्रकाशित किया गया था, इसी अवसर पर न्यूज़ियम का भी उद्घाटन किया गया. जेम्स हिक्की को याद करते हुए मुख्य अतिथि कर्नल कामेश कुमार ने कहा कि प्रेस को सरोकारयुक्त सही रिपोर्टिंग करनी चाहिए, सनसनी फ़ैलाने से बचना चाहिए.

विभाग के प्रभारी विभाग अध्यक्ष डॉ एजाज आलम ने कहा कि साहित्य और पत्रकारिता के गहरा संबंध है. आज के दिन समाचारपत्रों के आज के स्वरूप के लिए हिक्की के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि पत्रकारों को सामाजिक समरसता पर बल देना चाहिए.

पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ मुकेश ने भारतीय समाचारपत्र दिवस पर बोलते हुए कहा कि आज का दिन जेम्स हिक्की और बंगाल गजट की संघर्षकारिता की जिद और जूनून को याद करने का दिन है ताकि भविष्य हेतु प्रेरणा मिल सके. जेम्स हिक्की ने सत्य और सरोकारों की रक्षा हेतु टूटना मंजूर किया परंतु झुकना नहीं. जेम्स हिक्की ने राजसत्ता और धर्मसत्ता को चुनौती दिया और सत्य से डिगे नहीं.

विभाग के डॉक्टर रणजीत ने कहा कि ब्रिटिश शक्तियों से टकराने वाला जेम्स हिक्की एक महान पत्रकार थे जिन्होंने अपने लोगों के विरुद्ध भी सत्य और सरोकारों के लिए तब तक लड़ाई की जब तक वो ख़त्म नहीं हो गए.

इस अवसर पर डॉ निखिल, डॉ तारिक़, डॉ तहसीन, डॉ जावेद अख्तर सहित प्रीति, ममता, धर्मेंद्र, रूबी, ज्योति, नीतेश, नगमा , भास्कर सहित कई विद्यार्थी शामिल हुए.

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना