सहारा समूह का मीडिया कारोबार बंद, पूरे देश में जगह जगह सहारा के मीडियाकर्मी 10 जुलाई से ही हड़ताल पर
सहारा समूह का टेलिविजन नेटवर्क व प्रेस बंद हो गया है। इस बहु-व्यापारिक कंपनी का मीडिया कारोबार बंद हो गया है। पूरे देश में जगह जगह सहारा के मीडियाकर्मियों के 10 जुलाई से ही हड़ताल पर रहने की खबर है। जबकि सहारा इंडिया के एचआर विभाग ने कल ही मीडियाकर्मियों से काम पर लौटने का आदेश पत्र जारी किया था। नहीं लौटने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई थी। इधर पटना में राष्ट्रीय सहारा, पटना के कर्मी वेतन के आश्वासन पर आज से फिर दफ्तर जाने की तैयारी कर रहे हैं। कर्मियों ने मीडियामोरचा को बताया कि उन्हें प्रबंधन से वेतन देने का आश्वासन दिया गया है साथ ही बताया गया है कि सहारा प्रमुख ने मजीठीया वेतन देने के पत्र पर भी हस्ताक्षर कर दिये हैं। कर्मियों ने बताया कि पटना से आज तीन एडिशन भी छपेंगे। उन्होने कहा कि जब तक बकाया वेतन नहीं मिलता वे दफ्तर जाएंगे।
कई जगहों के हड़ताली मीडियाकर्मियों का कहना है कि पटना के सहारा कर्मी प्रबंधन के झांसे में आ गए। दो दिन पहले भी मीडिया कर्मियों ने स्थानीय स्तर पर खबरें संकलित-संपादित कर मास्टर एडिशन छाप दिया था।
उधर अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक, सहारा के वकील कपिल सिब्बल ने ही सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि ग्रुप के टेलिविजन नेटवर्क व प्रेस बंद हो गए हैं और कर्मचारी समूह छोड़कर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एक याचिका दायर करने वाले हैं, जिसमें समूह को हो रही मुश्किलों का जिक्र होगा और यह भी बताया जाएगा कि कैसे समूह के लिए न्यायालय द्वारा सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की जमानत की कठिन शर्तों का पालन करना मुमकिन नहीं होगा, लेकिन सेबी के वकील अरविंद दातार ने सिब्बल को सहारा के उस दावे की याद दिलाई, जिसमें उसने सिर्फ ऐंबी वैली का ही मूल्यांकन 47,000 करोड़ रुपए होने की बात कही थी। सहारा ने दावा किया था कि वह अपना सारा बकाया चुका देगा।
सुब्रत रॉय उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के अनुसार सेबी को बकाया नहीं चुकाने के कारण पिछले साल मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं। मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि परिसर पर ताला जड़ा देखकर उसके कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिस पर काबू पाने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। समूह के कुछ कर्मचारी जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। समूह के मनोरंजन चैनलों का परिचालन व फिल्म निर्माण कारोबार देखने वाली कंपनी सहारा वन मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट के शेयर आज दिन भर के कारोबार के दौरान 3 फीसदी टूटकर 71 रुपए पर बंद हुआ। इसके अतिरिक्त समूह हिंदी में पांच समाचार चैनलों का परिचालन करता था, जो सहारा समय ब्रैंड के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान की क्षेत्रीय खबरों का प्रसारण करते थे। इसके अतिरिक्त समूह आलमी समय नाम से उर्दू चैनल का भी परिचालन करता था।
समूह की वेबसाइट के अनुसार उसके प्रमुख हिंदी दैनिक राष्ट्रीय सहारा के 43 संस्करण थे और इसका प्रकाशन 7 केंद्रों से होता था। समूह रोजनामा राष्ट्रीय सहारा नाम से दैनिक उर्दू समाचार पत्र का भी प्रकाशन करता था, जिसके 15 संस्करण थे। दुनिया भर में समूह के 96 ब्यूरो और 2308 संवाददाता थे। इस बारे में सहारा के प्रवक्ता ने तुरंत कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।