अब सिर्फ पांच प्रेस रहेंगे, किसी कर्मचारी की छँटनी नहीं होगी
नयी दिल्ली/ सरकार ने अपने 17 प्रेसों को युक्तिसंगत बनाने के साथ ही उनके विलय एवं आधुनिकीकरण का निर्णय लिया है। इन प्रेसों के विलय के बाद पांच प्रेस रहेंगे जिनमें सभी कर्मचारियों को समाहित किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आज यहाँ हुयी बैठक में यह निर्णय लिया गया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद कहा कि सरकार के 17 मुद्रणालयों (जीआईपी)/ इकाइयों को युक्तिसंगत बनाने/विलय एवं आधुनिकीकरण को मंजूरी दी गयी है। इसके जरिये सरकार के इन 17 जीआईपी को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन, मिंटो रोड एवं मायापुरी, महाराष्ट्र के नासिक तथा पश्चिम बंगाल में कोलकाता में टेम्पल रोड स्थित पाँच मुद्रणालयों में एकीकृत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जायेगी बल्कि उन्हें पांच प्रेसों में समाहित किया जायेगा। विलय के बाद 468 एकड़ भूमि केन्द्रीय पूल में आयेगा जिसे शहरी विकास मंत्रालय के भूमि एवं विकास कार्यालय को सौंप दी जायेगी।
चंडीगढ़, भुवनेश्वर और मैसूर स्थित भारत सरकार पाठ्य पुस्तक मुद्रणालयों की 56.67 एकड़ भूमि संबंधित राज्य सरकारों को लौटा दी जायेगी। मुद्रणालयों के आधुनिकीकरण से पूरे देश में केंद्र सरकार के कार्यालयों के महत्वपूर्ण गोपनीय, तात्कालिक एवं मल्टीकलर्ड मुद्रण का काम करने में समर्थ हो सकेंगी। इस काम को राजकोष पर शून्य लागत और नौकरी में बगैर किसी छँटनी के संपन्न किया जायेगा। (PIB)