सूचना और प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने किया छठे राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का उद्घाटन
नई दिल्ली / सूचना और प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि भारत विभिन्न भाषा, बोली, संस्कृति और सामाजिक विविधताओं वाला देश है। सामुदायिक रेडियो संस्कृति और भाषा के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। नई दिल्ली में छठे राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री जेटली ने कहा कि रेडियो संचार का सबसे पुराना माध्यम है। इसकी पहुंच दूर-दराज के क्षेत्रों सहित समाज के बड़े वर्गो तक है। श्री जेटली ने कहा कि क्षेत्रीय समाचारपत्र की लोकप्रियता कम नहीं हो रही है, क्योंकि इलाके की खबर उन्हें जीवन्त बनाए हुए है। यही बात सामुदायिक रेडियो पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि इस समय 191 सामुदायिक रेडियो काम कर रहे हैं और चार सौ से अधिक केन्द्रों को संचालन की अनुमति भी दी गई है।
अपने सम्बोधन में श्री जेटली ने कहा कि सामुदायिक रेडियो रोगों से बचाव और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने में मददगार हो सकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए रेडियो एक सशक्त माध्यम बन सकता है। हमारे देश में भाषा, रिति-रिवाज और सांस्कृतिक विविधताएं हैं और जैसे-जैसे एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बढ़ते हैं बोलियों, मौसम और खेती के तरीकों में बदलाव नजर आता है। और लोगों को सूचना और शिक्षा से इस बात की जानकारी दी जानी चाहिए।
इस अवसर पर सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि सामुदायिक रेडियो सरकार की योजनाओं और नीतियां लोगों तक पहुंचाकर उन्हे सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सम्मेलन में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा ने कहा कि सामुदायिक रेडियो ग्रामीण समुदाय और दूर-दराज के इलाके में रहने वाले लोगों के सशक्तिकरण का प्रभावी माध्यम है। सम्मेलन का इस वर्ष का विषय है- सामुदायिक रेडियो-विविधता और स्थायित्व। सम्मेलन में सामुदायिक रेडियो संचालक, नीति निर्माता, केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय और विभाग तथा संयुक्त राष्ट्र की संस्थाएं यूनीसेफ और यूनेस्को शामिल हो रहे हैं।