कैनेडा से प्रकाशित त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'हिन्दी चेतना' का अक्टूबर-दिसम्बर 2015 अंक (वर्ष : 17, अंक : 68) अब इंटरनेट पर उपलब्ध है। इस अंक में शामिल है- सम्पादकीय ( श्यामत्रिपाठी), उद्गार, कहानियाँ : चाहत की आहट ( पुष्पा सक्सेना ), बस, अब बहुत हुआ ! (मंजुश्री ), चायना बैंक (रामगोपाल भावुक), बड़ी हो गई हैं ममता जी.... ( वंदना अवस्थी दुबे ), कारावास (उषा वर्मा )। व्यंग्य: मौनीराम मुखौटावाले ( गिरीश पंकज ), एक मनोविज्ञानी का प्रतिवेदन (अरविन्द कुमार खेड़े)। लघुकथा : हवा (अशोक गुजराती ), बदलती सोच (बालकृष्ण गुप्ता 'गुरु' ), एहसास (ओजेन्द्र तिवारी )। लेख : लोक साहित्य में ब्रज लोक गीतों का स्वरूप (अकरम हुसैन )। संस्मरण : श्रीमती चन्द्रकिरण सोनरिक्सा (गरिमा श्रीवास्तव )। अविस्मरणीय : सर्वेश्वरदयाल सक्सेना। भाषांतर : पेर लागरकविस्त की कविताएँ (अनुवाद: सरिता शर्मा ), सिन्धी कहानी गरम स्पर्श (मूल: अर्जुन चावला,अनुवाद: देवी नागरानी)। विश्व के आँचल से : बदलते परिवेश में वृद्ध और समकालीन कहानियाँ (सुबोध शर्मा )। चोका : (डॉ. भावना कुँअर ), कविताएँ : (बृजेश नीरज), (डॉ. अंजना बख्शी ), (अंशु जौहरी ), (मृदुला प्रधान)। ग़ज़ल : (गिरिराज शरण अग्रवाल ), हाइकु : (अनिता मण्डा ), सेदोका : (कृष्णा वर्मा ), माहिया : (ज्योत्स्ना प्रदीप )। पुस्तक समीक्षा : सरकती परछाइयाँ : सुधा ओम ढींगरा (समीक्षक : मनीषा जैन ), जिनके संग जिया : अजित कुमार (समीक्षक : पुष्पा मेहरा ), नींद कागज की तरह : यश मालवीय (समीक्षक : सौरभ पाण्डेय)। साहित्यिक समाचार : डॉ. कमल किशोर गोयनका को व्यास सम्मान , झिलमिल कवि सम्मेलन सियैटल, व्यंग्य यात्रा का आयोजन, प्रलेसं, घाटशिला का आयोजन, ढींगरा फ़ाउण्डेशन-हिन्दी चेतना अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मान समारोहरिपोर्ट, ढींगरा फ़ाउण्डेशन-हिन्दी चेतना अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मानसमारोह चित्रमय झाँकी। आख़िरी पन्ना : (सुधा ओम ढींगरा )
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