इर्शादुल हक/ ब्लात्कार, महिला सुरक्षा, महिलाओं के प्रति सम्मान जैसे शब्दों को कुछ मीडियाकर्मियों ने अपनी जागीर बना समझ लिया है. मोहन भागवत उनके मन की न बोलें तो बुरा, बीजेपी का नेता बोले तो बुरा, कांग्रेस के शशि थरूर ट्विटर पर अपने ब्लैकबेरी से चटका लगायें तो बुरा है, मीडिया के दुकानदारों सभी शब्दों पर जागीर तुम्हारी, बाकी सब विचार गलत ।
हां नंगी तस्वीरें दिखा कर महिलाओं का अपमान करो तो तुम ही अच्छे.
Irshadul Haque