Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

सरकार का सोशल मीडिया पर मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश

योजनाओं को यूट्यूब पर प्रमोट करने के लिए स्पेशल विडियो बनाए जा रहे

क्या सोशल मीडिया का सरकारीकरण होगा-  आने वाले दिनों में इस पर बहस तेज होगी

महेश रावलानी (साई) / सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर निशाना बने कपिल सिब्बल को इससे बेहद एलर्जी होने के बावजूद भी सरकार का दिल सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर आ ही गया है। देश के नाम संबोधन के अंश भी एक एक करके पीएम के ट्विटर एकांउट में डाले गए फिर पीएम के सलाहकार सेम पित्रोदा ने भी इसका खुलकर उपयोग किया है।

आर्थिक सुधार के बाद सरकार इमेज मेकओवर की दिशा में कदम उठा रही है। सरकार ने पहली बार सोशल मीडिया पर पब्लिक से संपर्क साधा। प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने ट्विटर पर लोगों से सीधे बात की। बातचीत का विषय था- सूचना का प्रजातंत्र कैसा हो। यह शुरुआत ऐसे वक्त में हुई है, जब सरकार इंटरनेट पर लगाम कसने के आरोपों से जूझ रही है। चंद दिन पहले तक इसी ट्विटर पर सेंसरशिप को लेकर बहस हो रही थी।

हाल के दिनों में सरकार ने सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय हुए हैं। मंत्रालयों और सरकारी दफ्तरों को सोशल मीडिया को बढ़ावा देने की हिदायत दी गई है। सरकारी योजनाओं को यूट्यूब पर प्रमोट करने के लिए स्पेशल विडियो बनाए जा रहे हैं। इन्हें अक्टूबर से दिखाने की तैयारी है। आईटी मिनिस्ट्री में राज्य मंत्री सचिन पायलट का कहना है कि सोशल मीडिया के असर को सरकार समझ रही है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अन्ना के आंदोलन के बाद सरकार युवाओं के बीच साख बचाना चाहती है,  जो सोशल मीडिया पर मौजूद है। 2014 के चुनाव में करीब 250 लोकसभा सीटों पर मिडिल क्लास आबादी और यूथ वोटर ही सबसे बडे़ वोट बैंक होंगे। इन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया जरूरी है। दूसरे कई बड़े नेता इस प्लैटफॉर्म का कामयाबी से इस्तेमाल कर रहे हैं। यूपीए से समर्थन वापस लेने के बाद ममता बनर्जी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा फेसबुक पर ही खोल रखा है। नरेंद्र मोदी भी गूगल प्लस पर लोगों से सीधी बात कर चुके हैं।

हालांकि सरकार के लिए सोशल मीडिया पर यह सफर आसान नहीं रहने वाला। मंगलवार को इसकी झलक दिखी। सैम पित्रोदा मुश्किल सवालों के जवाब नहीं दे पाए। आरोप लगा कि क्या सोशल मीडिया का सरकारीकरण होगा? आने वाले दिनों में इस पर बहस तेज होगी।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना