नई दिल्ली/ सिनेमाघर में हर फिल्म से पहले राष्ट्रगान चलाने की मांग संबंधी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश जी.रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस बारे में विचार करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। अदालत ने कहा कि केंद्र व दिल्ली सरकार दोनों इस बारे में अपना पक्ष स्पष्ट करें कि क्या संविधान के अनुसार ऐसा किया जा सकता है या नहीं।
फिल्म अभिनेता हर्ष नागर ने दायर याचिका में तर्क रखा है कि महाराष्ट्र, गोवा समेत कई राज्यों में ऐसा होता है। इससे लोगों के मन में देश के प्रति सम्मान बढ़ेगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जतन सिंह व बीएस नागर ने अदालत में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 50 व 51 (ए) में राष्ट्रीय ध्वज व गान के सम्मान के बारे में बताया गया है। उनका कहना था कि राष्ट्रगान के समय उसके प्रति आदर में खड़े होना हमारी जिम्मेदारी है। याचिकाकर्ता का दावा है कि उसने इस बारे में देश के प्रधानमंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत अन्य लोगों को पत्र लिखे, लेकिन किसी का जवाब नहीं आया। जब दूसरे राज्य ऐसा कर सकते हैं तो दिल्ली में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। याचिकाकर्ता के अनुसार, स्कूल के दिनों तक हम सभी राष्ट्रगान को याद रखते हैं, लेकिन उसके बाद भूल जाते हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह मार्शल आर्ट खिलाड़ी रहे हैं। जब विदेश में भारतीय टीम के लिए राष्ट्रगान बजाया जाता है तो उस समय हर भारतीय खिलाड़ी का रोम-रोम जग उठता है। इससे उसका मनोबल बढ़ता है।