हिन्दी दैनिक ‘ प्रदीप‘ के लिए मुंगेर जिला संवाददाता के रूप में वर्ष 1965 से 1986 तक कार्यरत थीं
मुंगेर। मुंगेर की वयोवृद्ध महिला पत्रकार सावित्री देवीकी मृत्यु 03 नवंबर को मुंगेर स्थित उनके निवास पर हो गईं। वह 81 वर्ष की थीं। उन्होंने हिन्दी दैनिक ‘ प्रदीप‘ के लिए मुंगेर जिला संवाददाता के रूप में वर्ष 1965 से 1986 तक कार्यरत किया। वह मुंगेर के वरिष्ठ पत्रकार और अधिवक्ता काशी प्रसाद की धर्मपत्नी और पत्रकार और अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद की माँ थीं।
मृत्यु से तीन वर्षों तक वह संघर्ष करती रहीं। पत्रकार सावित्री देवी अपनी तीन वर्ष की बीमारी में चार बार ‘ब्रेन-हेमरिज‘ का शिकार हुई। प्रथम तीन बार ब्रेन-हेमरिज्‘ के आघात के बाद वह छः-छः महीनों तक ‘बेहोश‘ और ‘मेमोरी- लोस‘ की अवस्था में रहीं । परन्तु, दवाओं और परिवारवालों की सेवा की मदद से तीनों बार वह बेहोश की अवस्था से होश की अवस्था में लौट आईं और उनकी पूरी मेमोरी भी। जबकि मुंगेर सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सकों ने मरीज को ब्रेन-हेमरिज् के आघात के बाद कुछ घंटों का मेहमान बताया था। बेहोशी की अवस्था तीन-तीन माह तक रहती थीं। वह अपने परिवार के सदस्यों को पहचान और बात करने की स्थिति में आ गईं। समय बीतता गया। स्थिति यथावत होने लगीं। परन्तु चौथा ब्रेन-हेमरिज् के आघात के बाद वह लकवाग्रस्त हो गईं। पूरे तीन वर्षों तक वह जिन्दगी और मौत से जूझने के बाद वह दीपावली की सुबह सभी को छोड़कर प्रस्थान कर गईं ।
सावित्री देवी का दाह-संस्कार 03 नवंबर की संध्या लालदरवाजा स्थित गंगा घाट पर हिन्दू-रीति रिवाज के साथ सम्पन्न हो गया। मुखाग्नि कनिष्ठ पुत्र बिजय कुमार ने दीं ।
दाह-संस्कार में समाजसेवी नरेश गुप्ता, मंटू शर्मा, योगा शिक्षक राजीव कुमार, पत्रकार सुरेन्द्र मेहता, (जमुई), युवा पत्रकार राजभारती और मिथिलेश कुमार, बिपिन मंडल, (अधिवक्ता) , समाजसेवी गुरूमुख प्रसाद साह, राजेश साव, अमर सिंह राठौर, (सुलतानगंज), जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो0 नसीम और कंसलटेन्ट दानिश राशिदी और गणमान्य व्यक्ति शरीक हुए।
मुंगेर से एक रिपोर्ट