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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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आकाशवाणी से प्रतिदिन 607 बुलेटिन होते हैं प्रसारित

आज विश्व रेडियो दिवस

आज विश्व रेडियो दिवस है। रेडियो के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व रेडियो दिवस का विषय है--रेडियो और विविधता। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरश ने कहा है कि रेडियो लोगों को करीब लाने में उपयोगी रहा है और सूचना की सहज उपलब्धता के लिए रेडियो ने अपनी खास पहचान बनाई है।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर वेम्पटी ने कहा है कि लोगों के जीवन में रेडियो ने खास जगह बनाई है और आज भी देश के कई भागों में रेडियो ही सूचना का मुख्य माध्यम है। जिस तरह से लोग मीडिया को कंज्‍यूम कर रहे हैं वो बहुत तेजी से बदल रहा है और इस बदलते हुए दौर में हमें नए एक्‍सपेरिमेंट्स करने ही पड़ेंगे, हमें नई टैक्निक्‍स को अपनाना ही पड़ेगा।

भारत में 1937 में आकाशवाणी की शुरूआत से अब तक इसका काफी विस्तार हुआ है। अब 99 फीसदी आबादी तक इसकी पहुँच है।  आज आकाशवाणी से 92 भाषाओं और बोलियों में प्रतिदिन 607 बुलेटिन प्रसारित किये जाते हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने 14 जनवरी, 2013 को विश्‍व रेडियो दिवस मनाने के यूनेस्‍को के फैसलो को औपचारिक स्‍वीकृति दी थी और अपने 67वें सत्र में 13 फरवरी को विश्‍व रेडियो दिवस घोषित किया था। रेडियो दूरदराज के क्षेत्रों और कमजोर तबकों के बीच पहुंचने वाला बहुत ही सस्‍ता माध्‍यम है। रेडियो मानवता की रक्षा और लोकतांत्रिक चर्चाओं का सशक्‍त माध्‍यम भी है। यह आपातकालीन संचार और आपदा राहत में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है।   

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पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना