कर्मचारियों के उचित सेटलमेंट की मांग
मुंबई/ जिस तरीके से आउटलुक ग्रुप ने अपनी पत्रिकाएं Marie Claire, People और Geo को अचानक बंद कर दिया है, उसपर मुंबई प्रेस क्लब ने चिंता जतायी है। मुंबई प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि इन पत्रिकाओं को बंद करने के कारण सौ से भी अधिक पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारी एकदम से सड़क पर आ गए हैं, क्योंकि बंदी की कोई आधिकारिक सूचना पहले से इन्हें नहीं दी गई थी। ना ही इन्हें किसी तरह का मुआवजा या क्षतिपूर्ति दिया गया।
कोई आधिकारिक सूचना तो जारी नहीं ही की गई थी, बल्कि पत्रिकाओं को बंद करने की उचित प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया। कर्मचारियों को सोशल मीडिया, ट्वीटर और फोन के जरिये पत्रिका बंदी और 31 जुलाई को अपने नौकरी की आखिरी तारीख होने का पता पला। मुंबई प्रेस क्लब का मानना है कि इन कर्मचारियों को अब तक जून और जुलाई की सैलरी भी नहीं दी गई है। जो पत्रिकाएं लगातार 2007-08 से निकल रही थीं, उन्हें किन परिस्थितियों में बंद करना पड़ा, इस पर भी कोई चर्चा नहीं की गई।
मुंबई प्रेस क्लब ने आउटलुक ग्रुप के अध्यक्ष श्री इन्द्रनील रॉय को पत्र लिखकर विरोध जताया है और कहा है कि ऐसे जिम्मेदार मीडिया हाउस से इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं थी। प्रेस क्लब ने पत्रिकाओं की बंदी और कर्मचारियों के टरमिनेशन को भी अवैधानिक बताया है।