Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

बिहार प्रगतिशील लेखक संघ का साहित्यकार समागम 23 -24 को

बेगूसराय के गोदरगावाँ में डा. नामवर सिंह करेंगे उद्घाटन

लखनऊ इप्टा द्वारा  ‘ब्रेख्त’ रचित नाटक का मंचन, ‘कबीर’ की मूर्ति का अनावरण और ‘सज्जाद जहीर स्मृति वाचनालय’ का भी उदघाटन

राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में मुक्तिकामी सेनानियों ने बेगूसराय स्थित गोदरगावां में ‘विप्लवी पुस्तकालय’ की स्थापना आजादी पाने हेतु एक केन्द्र के रूप में की थी। सन् 1942 के आंदोलन में अंग्रेजों द्वारा वसूल की गई सामूहिक जुर्माने की राशि को अंतरिम सरकार द्वारा 1946 में वापस की गई, जिससे इसके भवन का निर्माण स्मारक के रूप में किया गया। महाकवि दिनकर और प्रसिद्ध इतिहासकार डा. रामशरण शर्मा की  इस धरती पर यह पुस्तकालय ज्ञान का मशाल बन आलोकित हो रहा है। इसका ध्येय है -‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय।’

यहाँ सभी भाषाओं के स्तरीय साहित्य, दुर्लभ ग्रंथ, नई पुरानी पत्र-पत्रिकाएं उपलब्ध हैं। दूर-दूर से पाठक यहाँ आते हैं। इसके ‘देवी वैदेही सभागार’ में नियमित गोष्ठियां होती हैं। इसका जीवंत वाचनालय है। आज यह पुस्तकालय लोक जागरण का अग्रदूत बना हुआ है। प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कथाकार कमलेश्वर, विश्वविख्यात रंगकर्मी हबीब तनवीर एवं सुप्रसिद्ध आलोचक डा. नामवर सिंह ने इस पुस्तकालय में अपना महत्वपूर्ण समय दिया। इसका वार्षिकोत्सव जन सरोकार का विराट आकार ग्रहण करता है।  प्रगतिशील लेखक संघ का 14 वाँ राष्ट्रीय महाधिवेशन वर्ष 2008 में विप्लवी पुस्तकालय, गोदरगावाँ, बेगूसराय में सम्पन्न हुआ था। इस महाधिवेशन की सफलता से बिहार प्रगतिशील लेखक संघ को रष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला। प्रतिभागियों को यहाँ की यादें आज भी उत्साह देती है।

विप्लवी पुस्ताकालय समिति ने उक्त 14वें ऐतिहासिक राष्ट्रीय अधिवेशन के सम्मान में पाँचवीं वर्षगांठ समारोह आयोजन करने का निर्णय लिया है। इसकी तैयारी यहाँ की जा रही है। दिनांक 23 एवं 24 मार्च, 2013 (शनिवार, रविवार) के द्विदिवसीय कार्यक्रम को विप्लवी पुस्तकालय ने तत्कालीन प्रलेस महासचिव कमला प्रसाद की स्मृति को समर्पित किया है। 

खुशी है कि प्रगतिशील लेखक संघ के मुख्य संरक्षक डा. नामवर सिंह इसका उद्धाटन करेंगे। उक्त अवसर पर प्रो. विश्वनाथ त्रिपाठी (दिल्ली), ललित सुरजन (रायपुर, छ.ग.), गौहर रजा (दिल्ली), नूर जहीर (प्रथम महासचिव सज्जाद जहीर की पुत्री), शबनम हाशमी (दिल्ली), एवं अजय तिवारी, दिल्ली सेमिनार एवं जनसभा को संबोधित करेंगे। 

उक्त अवसर पर लखनऊ इप्टा के द्वारा ‘ब्रेख्त’ रचित नाटक का मंचन होगा। ‘कबीर’ की मूर्ति का अनावरण एवं ‘सज्जाद जहीर स्मृति वाचनालय’ का उद्घाटन भी किया जायेगा।

सेमिनार का विषय है- (1) नवसाम्राज्यवाद के विरूद्ध वैश्विक जनप्रतिरोध की दिशा और भारत, (2) वर्तमान संकट तथा प्रगतिशील आंदोलन की चुनौतियां एवं (3) लोक जागरण क्यों और कैसे?

उल्लेखनीय है कि 23 मार्च शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का शहादत दिवस है। इसलिए कार्यक्रम का शुभारंभ 12 बजे दिन पुष्पांजलि से होगा।

बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव राजेन्द्र राजन का आग्रह है कि 22 मार्च की रात्रि या कार्यारंभ के पूर्व अवश्य ही आयोजन स्थल पर आ जाएँ। उन्होने बताया कि प्रतिभागियों के लिए यहाँ आवास एवं भोजनादि की व्यवस्था की गई है। उन्होने अतिथियों से आगमन की सूचना पूर्व प्रषित करने का भी आग्रह किया है। वहाँ का पता है- राजेन्द्र राजन, महासचिव -बिहार प्रगतिशील लेखक संघ। किसी भी तरह की सूचना के लिए इस न. पर संपर्क किया जा सकता है - 9471456304/9263394316.

 

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना