नई दिल्ली। भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने सभी मीडिया संगठनों से कार्यस्थलों पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने और शिकायत निवारण के लिए आंतरिक समितियों के अब तक गठन नहीं किए जाने पर सवाल उठाते हुए सभी मीडिया संगठनों से आंतरिक समितियां गठित करने को कहा है
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्कण्डेय काटजू ने एक बयान में कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 1997 में ही तय किए गए विशाखा दिशा-निर्देशों और कार्य स्थलों पर महिला यौन उत्पीड़न (नियंत्रण, निषेध और निवारण) कानून 2013 लागू किए जाने के बावजूद बहुत से मीडिया संगठनों में कोई आंतरिक शिकायत समिति नहीं है।
आंतरिक शिकायत समितियों के गठन संबंधी उनका यह निर्देश तहलका संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ एक महिला पत्रकार द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर आया है।
उन्होंने कहा कि कार्य स्थल संबंधी यौन उत्पीड़न कानून की धारा 4(1) ने इन समितियों की स्थापना अनिवार्य कर दी थी। काटजू ने मीडिया संगठनों से कहा कि इस तरह की स्थापना मीडिया संगठनों में और भी उपयोगी हो जाती हैं, जहां महिलाओं के काम का समय और ड्यूटी स्थल सामान्य से हटकर होता है। उन्होंने मीडिया संगठनों से आंतरिक समितियों की स्थापना की दिशा में तुरत आवश्यक कदम उठाने को कहा है।