कार्यक्रम में विशेष रूप से मीडिया की भूमिका पर डाला गया प्रकाश
पटना। राज्य में कुपोषण से निपटने के लिए बिहार सरकार ने यूनिसेफ और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर " अंकुरण" कार्यक्रम की शुरुआत की है। यूनिसेफ की ओर से समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग और पूसा संस्थान के साथ मिलकर कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा करने के लिए राजधानी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विशेष रूप से मीडिया की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम की शुरुआत कृषि उत्पाद के आयुक्त विजय प्रकाश, समाज कल्याण विभाग के सचिव एस. एम. राजू, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के निदेशक संजीवन सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए कई सुझाव दिया गया।
पहले चरण में बिहार के पूर्णिया जिले के 100 स्कूलों से कार्ययोजना की शुरुआत की जा रही है। अंकुरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य साफ-सफाई स्वास्थ्य एवं पोषण जैसी मूलभूत जरूरतों में सुधार लाकर बच्चों को कुपोषण से बचाना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूलों में बनने वाला खाना स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषक तत्व युक्त खाने की चीजों से तैयार किया जाए। बच्चों को भी इस बात के लिए जागरूक किया जाएगा कि वो खाने में वैसी चीजों को खांए जिनमें आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद हो। इसके अलावा कृषि उत्पादकों में सुधार के लिए संवेदनशीलता को भी बढ़ाया जाएगा। घरेलू सब्जियों का उत्पादन कैसे किया जाए इसको भी स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है ताकि बच्चे कृषि क्षेत्र की बारीकियों को समझ सकें। कार्यक्रम के दौरान मीडिया जगत से जुड़े लोगों ने भी इस महत्वपूर्ण विषय पर अपने सुझाव दिए । पूरे कार्यक्रम के दौरान पूसा के कॉलेज आफ होम साइंस की डीन मीरा सिंह, पूसा के खाद्य एवं पोषण की चेयरमैन उषा सिंह, यूनिसेफ के बिहार प्रमुख यामीन मजुमदार, गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित कई अन्य महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे।
मीडियामोरचा के ब्यूरो प्रमुख साकिब ज़िया की रिपोर्ट