प्रेस कार्ड की और तस्वीरें भी देखिये नीचे ...
संजय कुमार/ पटना। मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले में प्रातः कमल का नाम सामने आया है। इससे जुड़े मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के मीडिया मुगल के खेल का भी खुलासा हुआ है। ब्रजेश ठाकुर मीडिया में कई नामों से जाना जाता है, जो जालसाजी दर्शाता है। मीडिया में आयी खबर के अनुसार प्रातः कमल अखबार से जुड़े लोग ब्रजेश ठाकुर को मैनेजर बताते हैं तो वहीं इसी अखबार का दिल्ली संवादादाता ब्रजेश कुमार यानी ब्रजेश ठाकुर ही है। इसने ब्रजेश कुमार के नाम से पे्रस इन्फोरमेंशन ब्यूरो, (पीआईबी) से कार्ड बनवा रखा है। तो वहीं, अखबार के प्रिंट लाइन में दिल्ली संवाददाता का नाम में ब्रजेश ठाकुर यानी सिर्फ ‘ब्रजेश’ प्रिंट है। यही तक ये सीमित नहीं है, बिहार सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची में भी ये शामिल हैं। प्रातः कमल का पटना संवाददाता के हैसियत से कार्ड बनवाये हुए है (कार्ड न. 869/16 जो 3.8.2016 को जारी हुआ है)। पीआईबी (दिल्ली से) और पीआरडी(पटना से) दोनों जगह से संवाददाता का कार्ड बनवाये हुए है।
फिलहाल, अखबार का संपादक राहुल आनंद है जो ब्रजेश ठाकुर का बेटा है। यही नहीं बिहार सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा गठित प्रेस मान्यता समिति में सदस्य भी है पता नहीं किस हैसियत से। ब्रजेश ठाकुर ने अपने प्रातः कमल अखबार के संपादक बेटे को पटना से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार ‘न्यूज नेक्सट’ का पटना संवाददाता बना कर बिहार सरकार के जन संपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त कार्ड बनवा दिया। ‘न्यूज नेक्सट’ का मालिक/ संपादक अपनी बेटी निकिता आंनद को बना रखा है।
ब्रजेश ठाकुर ने मीडिया का साम्राज्य स्थापित कर खूब मीडिया का पावर खेल खेला है। अब आप खुद सोचे मुजफ्फरपुर के प्रातः कमल का संपादक पटना आकर अपने ही घर के दूसरे अंगे्रजी अखबार के लिए पटना से रिपोर्टिंग भी कर लेता है। यही हाल ब्रजेश ठाकुर का है वे भी दिल्ली और पटना के संवाददाता बन रिपोर्टिंग करते हैं।
इस प्रातः कमल की बात करें तो इस अखबार से जुड़े लोग बताते है कि 63,000 प्रति छपने वाले इस अखबार में मैनेजर और मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पिता राधा मोहन ठाकुर ने यह अखबार शुरू किया था। यह 12 पन्ने का एक दैनिक अखबार है, जो साल 1982 से प्रकाशित हो रहा है। अपने को उत्तर बिहार का लोकप्रिय अखबार कहता है। फिलहाल, अखबार का संपादक राहुल आनंद है जो ब्रजेश ठाकुर का बेटा है। एक समय में ब्रजेश ठाकुर 16 अखबार के एक मालिक होते थे। इस रैकेट का खुलासा वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़िया ने 1986 में कोलकाता से प्रकाशित होने वाले रविवार में और सुरेंद्र किशोर ने जनसत्ता में किया था। अखबार के आड़ में ये बहुत कुछ करता है।